महात्मा गांधी की हत्या पर दिए गए बयान के बहाने राहुल को घेरने की साजिश: राज बब्बर

punjabkesari.in Monday, Sep 05, 2016 - 11:37 AM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता के साथ धोखे को लगातार उजागर करने पर एक सोची समझी रणनीति के तहत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या पर दिए गए बयान के बहाने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को घेरने की साजिश रची गई है।

‘27 साल, यू.पी. बेहाल’ स्लोगन के साथ पूर्वांचल यात्रा पर आए बब्बर ने यहां पत्रकारों से कहा कि Þएक बार फिर तय होना है कि हिंदू कौन है। हे राम कहकर प्राण त्यागने वाले बापू की सोच वाले या उनकी हत्या करने वालों के पीछे खड़ी सोच एवं विचारधारा वाले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष गांधी केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा किसानों, गरीबों और नौजवानों के वायदों के साथ हुए धोखे के सवालों को लगातार उठा रहे हैं और इसके चलते उन्हें घेरने के लिए अदालतों की चक्कर में उलझाने की रणनीति अख्तियार करने पर इन सवालों को एक बार फिर प्रासंगिक बना दिया है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ‘27 साल, यू.पी. बेहाल’ प्रदेशव्यापी यात्रा के बाद आगामी 6 सितंबर से राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली तक किसान यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि यात्रा तीन मांगों पर केंद्रित होगी। किसानों का कर्ज माफी, बिजली बिल आधा करने और किसानों को खेती की लागत का प्रतिशत ज्यादा जोड़कर देने के केंद्र सरकार के वादे के अनुसार समर्थन मूल्य का दिलाना।

बब्बर ने कहा कि गांधी किसानों से वादा खिलाफी के इन सवालों को लेकर चल रहे हैं, तो उन्हें रोकने की कोशिश में अदालती चक्करों में उलझाने की कोशिश हो रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी और न ही राहुल गांधी, इससे विचलित होने वाले हैं। उन्होने कहा कि हमारी यात्रा का नारा खुद हमारी मंसूबों को साफ करता है कि हमारा संघर्ष जाति और संप्रदाय की राजनीति करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे दल है, जो प्रदेश में बेहाली और पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार हैं।  

इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश का इतिहास बताता है कि गैर-कांग्रेसवाद हमेशा छलावा साबित हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी को जापान के क्योटो जैसा शहर बनाने की बातें की थीं, लेकिन सच्चाई यह है कि वह क्योटो बनाने के बजाय पहले से चल रही विकास योजनाओं को भी पूरा नहीं करा सके। इसी तरह से काला धन लाने और सभी देशवासियों को 15-15 लाख बांटने, 10 करोड़ नौजवानों को रोजगार देने एवं मंहगाई घटाने की बातें तो जुमला ही बनकर रह गईं।