वाराणसी में बाढ़ से 59 गांव पूरी तरह से जलमग्न, खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा (Pics)

punjabkesari.in Wednesday, Aug 24, 2016 - 03:32 PM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के मंडलायुक्त रमेश नितिन गोकर्ण ने आगामी एक सप्ताह में बाढ़ की स्थिति बिगड़ने की संभावना के मद्देनजर वाराणसी, गाजीपुर एवं चंदौली के जिलाधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य मुस्तैदी से जारी रखने का निर्देश दिया है। गोकर्ण ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों से बातचीत एवं बाढ़ में डूबे कई क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद संबंधित अधिकारियों से युद्वस्तर पर पीड़ितों की जरूरी मदद करने का निर्देश दिया।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गंगा, वरूणा एवं गोमती के जलस्तरों में बढ़ोत्तरी हो रही है तथा उसमें अगले एक-दो दिनों में और तेजी आने की सम्भावना है। इसलिए आगामी एक सप्ताह तक विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है। आयुक्त ने बताया कि मंडल के वाराणसी, चन्दौली एवं गाजीपुर जनपद बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। सबसे अधिक खराब स्थिति गाजीपुर जिले की है। 

गोकर्ण ने बताया कि वाराणसी जिले में अब तक 887.25 मिमी. वर्षा से अधिक वर्षा हुई है। तीनों नदियों का जलस्तर बढऩे से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। यहां के 3 तहसीलों के 124 गांवों की एक लाख 96 हजार 523 जनसंख्या प्रभावित है तथा 59 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं, जो टापू की तरह दिखते हैं। इस प्रकार से कुल 30820.00 हेक्टेयर जमीन जलमग्न हो गए हैं। कृषि योग्य 18522.00 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि एवं बोया हुआ 30900 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि प्रभावित है।

उन्होंने बताया कि अब तक 107 कच्चे मकान पूर्णतया क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे मकानों की संख्या 999 है। इसी प्रकार 745 झोपडिय़ां बाढ़ में नष्ट हुई है। गोकर्ण ने बताया कि यहां पर 23 राहत शिविरों में 8918 बाढ़ पीड़ितों की मदद की जा रही है, जबकि 12605 प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने एवं पीड़ितों तक आवश्यक सामग्रियां पहुंचाने के लिए 133 नावों की मदद ली जा रही है। राहत केन्द्रों पर 23 मेडिकल टीम पीड़ितों की मदद में जुटी हुई हैं। इसी प्रकार से 2 लाख 98 हजार 532 लंच पैकेट्स वितरित किए जा चुके हैं।  

मंडलायुक्त ने बताया कि चन्दौली जनपद में अब तक 632.35 मिमी. वर्षा हुई है। यहां के 4 तहसीलों के 41 गांवों की 97500 जनसंख्या प्रभावित हुईं हैं, जबकि प्रभावित पशुओं की संख्या 1267 हैं। कुल प्रभावित जमीन 931 हेक्टेयर क्षेत्रफल है, जबकि कृषि योग्य भूमि 820 हेक्टेयर एवं बोया गया प्रभावित क्षेत्रफल 410 हेक्टयर है। उन्होंने बताया कि अब तक पूर्णतया क्षतिग्रस्त पक्के मकानों की संख्या 2 एवं कच्चे मकानों की संख्या 14 है। इसी प्रकार से आंशिक रुप से 30 पक्के मकान एवं 885 कच्चे मकान तथा 239 झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं हैं।