KGMU के डॉक्‍टरों ने किया चमत्कार: गर्दन चीरती 8 सेमी कील दिमाग तक पहुंची, 4 घंटे जूझने के बाद बचाई जान

punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 10:51 AM (IST)

Lucknow News (अश्वनी कुमार सिंह): किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने एक बेहद मुश्किल सर्जरी कर 7 साल की एक बच्ची की जान बचा ली। बच्ची के सिर में गर्दन के रास्ते 8 सेंटीमीटर लंबी कील घुस गई थी, जो सीधे दिमाग तक पहुंच गई थी। डॉक्टरों ने 4 घंटे का ऑपरेशन कर कील को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसे सामान्य वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।

क्या हुआ था हादसे में?
यह बच्ची बलरामपुर जिले के नवाजपुर गांव की रहने वाली है। 15 मई को वह खेलते समय किसी तरह गिर गई और उसके सिर में एक लंबी कील घुस गई। परिजन उसे पहले पास के एक निजी अस्पताल लेकर गए, वहां से जिला अस्पताल भेजा गया और फिर हालत गंभीर देखते हुए उसे लखनऊ स्थित KGMU के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। परिजन बच्ची को 16 मई की रात एक बजे ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे। बच्ची की गंभीर हालत देखकर डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी करने का फैसला लिया।

कैसे हुआ ऑपरेशन?
ऑपरेशन की अगुआई करने वाले डॉ. समीर मिश्रा ने बताया कि कील बहुत पतली थी और गर्दन व जबड़े के बीच से होती हुई सीधे दिमाग में चली गई थी। ऐसे में सर्जरी बहुत जोखिम भरी थी। इस ऑपरेशन के लिए ईएनटी (कान-नाक-गला), न्यूरोसर्जरी और एनेस्थीसिया (बेहोशी विशेषज्ञ) विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई। डॉ. समीर मिश्रा और न्यूरोसर्जन डॉ. वैभव जायसवाल के नेतृत्व में चार घंटे तक चला यह ऑपरेशन सफल रहा और कील को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लिया गया।

सर्जरी के बाद बच्ची की हालत
ऑपरेशन के बाद भी बच्ची की हालत नाजुक बनी रही। इसलिए उसे ICU में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। 10 दिन तक डॉक्टरों की निगरानी में बच्ची की हालत धीरे-धीरे सुधरती गई। आखिरकार गुरुवार को उसे सामान्य वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही घर भेजने की तैयारी की जा रही है।

सर्जरी टीम में कौन-कौन थे?
इस जटिल सर्जरी को सफल बनाने वाली टीम में शामिल थे:

डॉ. समीर मिश्रा

डॉ. वैभव जायसवाल

डॉ. यादवेंद्र

एसआर डॉ. लोकेश

डॉ. आकांक्षा

डॉ. विशाल

डॉ. रंजीत चंद्र

जेआर डॉ. अर्पिता

डॉ. अर्चना

डॉक्टरों ने क्या कहा?
डॉ. समीर मिश्रा ने कहा कि यह ऑपरेशन बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि कील बेहद नाजुक जगह में घुसी थी। थोड़ी सी भी गलती से बच्ची की जान जा सकती थी या दिमागी नुकसान हो सकता था। लेकिन हमारी टीम ने बहुत सावधानी से काम करते हुए बच्ची की जान बचा ली।


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Content Editor

Anil Kapoor

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