बुलंदशहर गैंगरेप: यूपी सरकार और आज़म को SC की फटकार, नोटिस जारी

punjabkesari.in Monday, Aug 29, 2016 - 02:38 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में राजमार्ग 91 पर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार को‘राजनीतिक साजिश’बताने वाले विवादित बयान को लेकर कैबिनेट मंत्री आज़म खान को आज कड़ी फटकार लगाई और उनसे जवाब तलब भी किया। न्यायालय ने सामूहिक बलात्कार मामले की सुनवाई राज्य से बाहर कराने संबंधी पीड़िता के अनुरोध पर राज्य सरकार को भी नोटिस जारी किया, जिस पर जवाब के लिए 3 सप्ताह का समय दिया गया है।

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार एवं खान की खिंचाई करते हुए कहा कि इस मामले में खान जैसे नेता द्वारा दिया गया ‘विवादित बयान’ जांच एवं सम्पूर्ण तंत्र को लेकर संदेह पैदा करता है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता खान ने इस घटना को उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ साजिश करार दिया था। न्यायालय ने कहा कि क्या प्रशासनिक स्तर पर बैठा या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति यह कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं? जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना न हो?

क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है, जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वे निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देंगी? क्या इस तरह के बयान को अभिव्यक्ति की आजादी माना जाए या यह समझा जाए कि संविधान में इस अधिकार को शामिल किए जाने के सिद्धांत निष्फल साबित हुए हैं? न्यायालय ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता  खान के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन को न्याय-मित्र बनाया है।

पीड़िता की याचिका पर न्यायालय सुनवाई कर रहा है। पीड़ित मां-बेटी ने गुहार लगाई है कि वह मुकदमे को दिल्ली स्थानांतरित करने के साथ ही अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराए। याचिका में परिवार की सुरक्षा और नाबालिग पीड़िता की शिक्षा आदि का इंतजाम करने की मांग भी की गई है। याचिका में कहा गया है कि उस इलाके के लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाए।

अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री खान ने इसी महीने कहा था कि बुलंदशहर राजमार्ग 91 पर 29 जुलाई की रात मां तथा बेटी के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की वारदात के पीछे राजनैतिक साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा था कि हमें इस बात की जरूर जांच करनी चाहिए कि कहीं यह मामला किसी राजनैतिक साजिश से प्रेरित होकर सरकार को बदनाम करने के लिए तो नहीं है। सत्ता की लोभी कई पार्टियां किसी भी हद तक गिर सकती हैं। उन्होंने कहा था कि बुलंदशहर की घटना के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई सही है, लेकिन सरकार को विरोधियों पर भी नजर रखनी होगी। विरोधी सपा सरकार को बदनाम करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

गौरतलब है कि अपराधियों के एक समूह ने करीब एक माह पूर्व नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार की एक महिला और उसकी 14 वर्षीय बेटी को बुलंदशहर के पास राजमार्ग संख्या 91 पर कार से बाहर खींच लिया था और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया था। इस दौरान लड़की के पिता को बंदूक की नोंक पर कब्जे में रखा गया था।