''सांस अंदर लो, बाहर मत छोड़ो''... डॉक्टर ने मासूम बच्चे को यूं सिखाया सिगरेट पीना, कैमरे में कैद हुई करतूत
punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 06:36 AM (IST)

Jalaun News: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाए गए एक बच्चे को सिगरेट पीना 'सिखाने' के आरोप में एक सरकारी चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
5 साल के बच्चे को डॉक्टर ने दी 'सिगरेट ट्रेनिंग'!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुठौन्द के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में तैनात डॉ. सुरेश चंद्र का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्हें 5 साल के एक लड़के को सिगरेट देते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि चंद्र लाइटर से सिगरेट जलाकर बार-बार लड़के से कह रहा है कि वह सांस अंदर ले, बाहर ना निकाले। डॉक्टर ने लड़के को कश ना लेने के लिए डांटा भी। उसने लड़के के मुंह से सिगरेट निकाली और उसे सिखाया कि कैसे धूम्रपान किया जाता है। डॉ. चंद्र ने लड़के के मुंह में फिर सिगरेट डाली, उसे जलाया और उसे कश लेने के लिए कहा। जब लड़का ऐसा नहीं कर पाता तो वह कहता है 'बस आज की ट्रेनिंग इतनी है, अब अगली बार, कल आना फिर सिखाएंगे।'
डॉक्टर बोला मजाक था- सिगरेट चॉकलेट की थी
थाना प्रभारी ब्रह्मा प्रकाश तिवारी ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेन्द्र देव शर्मा की शिकायत पर डॉ. सुरेश चंद्र के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 125 (व्यक्ति का जीवन खतरे में डालना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, डॉ. चंद्र ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया और कहा कि सिगरेट चॉकलेट की थी और वीडियो कर्मचारियों ने बनाया था। वीडियो के वायरल होने के बाद चंद्र का तबादला कर दिया गया और उसके खिलाफ जांच का आदेश दिया गया था। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इसकी व्यापक निंदा हुई।
बच्चे को सिगरेट पीना सिखाते डॉक्टर पर केस दर्ज
शर्मा ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसडी चौधरी जांच समिति का नेतृत्व कर रहे हैं और विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। डॉक्टर चंद्र ने कहा कि कुठौंद पीएचसी में स्टाफ के सदस्य भी रहते हैं और लड़का एक नर्स का बेटा है। उन्होंने कहा कि वे उनके घर आते थे। उन्होंने कहा कि वीडियो एक साल से भी पुराना है, जब बच्चे को चॉकलेट सिगरेट दी गई थी। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने कनिष्ठ को पीएचसी का प्रभार देना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने उनके खिलाफ कई आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएमओ ने वीडियो वायरल करवाया।