Gorakhpur News: नकली स्टांप पेपर गिरोह के सरगना समेत 7 गिरफ्तार, 40 साल से कर रहा था धंधा

punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2024 - 12:33 PM (IST)

Gorakhpur News: गोरखपुर जिले की पुलिस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लेकर बिहार तक फैले नकली स्टांप पेपर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के सरगना और उसके पोते समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गौरव ग्रोवर ने बताया कि नकली स्टांप पेपर रैकेट के सिलसिले में 85 वर्षीय मास्टरमाइंड और उसके पोते सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नकली स्‍टांप पेपर गिरोह के सरगना समेत सात गिरफ्तार
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में सिवान (बिहार) के मोहम्मद कमरुद्दीन और उनके पोते साहिबजादे, गोरखपुर के कोतवाली क्षेत्र के राम लखन जायसवाल, कुशीनगर के ऐश मोहम्मद और रवींद्र दीक्षित, देवरिया के संतोष गुप्ता और कुशीनगर के नंदू उर्फ नंदलाल शामिल हैं। ग्रोवर ने बताया कि नकली स्‍टाम्‍प का प्रचलन लगभग तीन महीने पहले सामने आया, जब एक अधिवक्ता ने इस संबंध में यहां कैंट थाने में मामला दर्ज कराया था। उनके मुताबिक नासिक में भारतीय सुरक्षा प्रिंटिंग प्रेस प्रयोगशाला द्वारा जांच करने पर पाया गया कि कई फर्जी स्टांप पेपरों का इस्तेमाल किया जा रहा था। उनके मुताबिक गोरखपुर अदालत की कार्यवाही में इस्तेमाल किए जा रहे नकली स्टांप पेपर मिलने के बाद कैंट पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।

बिहार के सिवान का कमरुद्दीन (85) इस रैकेट में एक प्रमुख व्यक्ति था
ग्रोवर ने बताया कि तीन महीने की जांच के बाद पता चला कि बिहार के सिवान का कमरुद्दीन (85) इस रैकेट में एक प्रमुख व्यक्ति था। उनके अनुसार सिवान में एक छापेमारी की गई, जिसमें स्टांप पेपर प्रिंटिंग मशीन, 1.52 करोड़ रुपये मूल्य के नकली स्‍टाम्‍प, उत्तर प्रदेश और बिहार के गैर-न्यायिक स्‍टाम्‍प के साथ-साथ अवैध संचालन में इस्तेमाल की गई अन्य सामग्रियों सहित आपत्तिजनक सबूतों का भंडार मिला। एसएसपी ने कहा कि गिरोह का संचालन बिहार के सीवान तक फैला हुआ है, जिसमें न केवल गोरखपुर बल्कि देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी फर्जी स्टांप पेपर वितरित किए जाते थे और इन स्थानों के विक्रेताओं की संलिप्तता थी।

अभी और संदिग्धों को पकड़ने के प्रयास जारी: एसएसपी
एसएसपी ने कहा कि अभी और संदिग्धों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। पूछताछ के दौरान, कमरुद्दीन ने दशकों पहले अपने ससुर से व्यापार सीखने की बात कबूल की। उसका परिवार लगभग आधी सदी से अवैध स्टाम्प प्रिंटिंग व्यवसाय में लगा हुआ था। पुलिस के अनुसार कमरुद्दीन ने पूछताछ में बताया कि 1986 में जेल में रहने के बावजूद उसने रिहाई के बाद अपनी आपराधिक गतिविधियां फिर से शुरू कर दीं।


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Content Editor

Anil Kapoor

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