बेटे की अचानक मौत से टूटा पूरा परिवार, हल चलाकर बेटे को बनाया था सिपाही... अब अर्थी को कंधा देते वक्त कांपे पिता के पैर
punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2025 - 10:16 AM (IST)
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Unnao News: एक पिता के लिए वह पल कभी न भूलने वाला होता है, जब उसका बेटा उसकी मेहनत और संघर्ष के बाद पुलिस की वर्दी पहनता है। लेकिन अब उस पिता के लिए वही बेटा कभी वापस नहीं आएगा। पुलिस की वर्दी पहनने के बाद सिपाही बने 28 वर्षीय विकास कुमार की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। गुरुवार को जब उसके पिता ने बेटे की अर्थी को कंधा दिया, तो उनके पैरों में कांपने की आवाज़ साफ सुनाई दी।
पुलिस अधिकारियों की आंखों में भी आंसू
विकास कुमार की मौत के बाद उनके परिवार के सभी सदस्य शोक में डूब गए। पुलिस लाइन के बलिदान स्मारक स्थल पर गार्ड-ऑफ-ऑनर देने के बाद पुलिस वाहन से शव को गांव के लिए रवाना किया गया। इस दौरान एसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी, एएसपी अखिलेश सिंह और सीओ सिटी सोनम सिंह की आंखों में आंसू थे। सबकी आंखों में एक ही सवाल था—क्या यह सच में हो सकता है?
जानिए, क्या है पूरा मामला?
विकास कुमार मुरादाबाद के झजलेट क्षेत्र के गांव छज्जूपुर देयम के रहने वाले थे। वे पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर के थे और हमेशा से पुलिस विभाग में जाने के ख्वाब देखते थे। उनके पिता अमर सिंह, जो खेती-बाड़ी करते थे, ने बेटे के इस सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने हल चलाकर बेटे की पढ़ाई और उसकी इच्छा को पूरा किया।
वर्ष 2019 में पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे विकास कुमार
विकास कुमार वर्ष 2019 में पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुए। ट्रेनिंग के बाद जब वह वर्दी पहनकर अपने पिता के सामने आए, तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। इसके बाद उनकी पहली तैनाती उन्नाव में हुई, जहां वे कुछ समय तक पुलिस लाइन में रहे। फिर उन्हें असोहा थाना में तैनाती मिली, और बाद में 24 जुलाई 2024 को उन्हें बारासगवर थाना भेजा गया। यहां से ऊंचगांव चौकी पर उनकी पोस्टिंग हुई।
दुर्घटना में हुई मौत
विकास कुमार बुधवार रात करीब 10 बजे डाक रिसीव करने के बाद चौकी लौट रहे थे। इस दौरान परौरी गांव के पास उनकी बाइक एक दूसरी बाइक से टकरा गई। दुर्घटना में सिर में गंभीर चोटें आईं, क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। चोटों के कारण उनकी मौत हो गई।
पति की मौत के बाद पत्नी का दर्द
विकास की पत्नी गीतांजलि को जैसे ही उनके पति की मौत की खबर मिली, वह गश खाकर गिर पड़ीं। होश में आते ही उनकी सबसे बड़ी चिंता उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की थी। वह बार-बार यही कह रही थीं, "बच्चे को देखने से पहले मेरे पति हमें छोड़कर चले गए। विकास का एक और बेटा, छह साल का जैनकून, भी इस दुखद घटना का शिकार हुआ। विकास के माता-पिता विमला देवी और अमर सिंह भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। पिता अमर सिंह एक कोने में खड़े होकर बस सिसकते रहे। विकास के छोटे भाई अमित ने बताया कि उनके बड़े भाई विकास ही परिवार के सहारे थे, और उनके जाने के बाद पूरा परिवार अंधकार में डूब गया है।