निजीकरण के विरोध में देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी इस दिन करेंगे कार्य बहिष्कार

punjabkesari.in Sunday, Jan 31, 2021 - 03:46 PM (IST)

मथुरा:  केन्द्र सरकार की निजीकरण नीति के विरोध में तथा बिजली विभाग की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए देश के 15 लाख बिजली कर्मचारी तीन फरवरी को ‘कार्य बहिष्कार' करेंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध एवं बिजली कर्मियों की ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए इस बहिष्कार में न केवल शामिल होने का निश्चय किया है बल्कि इस एक दिवसीय बहिष्कार का नोटिस केन्द्रीय विद्युत मंत्री और प्रदेश सरकार को भी दे दिया है।

संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारी एवं राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह एवं सचिव प्रभात सिंह ने संयुक्त रूप से रविवार को वर्चुअल रूप से बताया कि बिजली के निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा, ग्रेटर नोएडा और आगरा में बुरी तरह विफल होने के बावजूद केन्द्र सरकार ने बिजली के निजीकरण की दिशा में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेट) बिल 2020 एवं स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी किया है। यही नहीं केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ और पांडिचेरी में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है जिसे लेकर देश भर के बिजलीकर्मियों में असंतोष है।

उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मी के विरोध में प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता आगामी 03 फरवरी को देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारी किसान आंदोलन को नैतिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं जिनकी मांगों में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 की वापसी प्रमुख है।       

 


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Moulshree Tripathi

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