कानपुर में लटकी केबल ने छीना 15 साल के सार्थक का जीवन— मौके पर ही हो गई मौत, परिवार और शहर में छाया मातम

punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 10:30 AM (IST)

Kanpur News: कानपुर जिले के रतनलाल नगर में गुरुवार शाम एक भयंकर हादसा हुआ, जिसने एक पूरे परिवार की दुनिया बदल दी। 15 साल के सार्थक चौधरी की जान सड़क पर लटकी ढीली केबल से चली गई। वह अपनी रोज की तरह कोचिंग से घर लौट रहा था, लेकिन कुछ ही कदम दूर उसकी मौत हो गई।

हादसे का पूरा विवरण
मिली जानकारी  के मुताबिक, सार्थक अपनी स्कूटी पर जा रहा था। उसके पीछे उसके दोस्त बाइक और स्कूटी पर थे। रतनलाल नगर की व्यस्त सड़क पर पेड़ से झूलती ढीली केबल कई दिनों से लटकी हुई थी। अचानक सार्थक की स्कूटी का हैंडल उस केबल में फंस गया। स्कूटी आगे खिंची और सार्थक 10 फीट ऊपर उछल गया, फिर सड़क पर गिरा। गिरने की स्थिति इतनी भयंकर थी कि उसके सिर के कई हिस्से अलग-अलग जगह बिखर गए। आसपास मौजूद लोग केवल कुछ सेकंड के लिए स्तब्ध रह गए।

मदद और अस्पताल
सार्थक के पीछे आ रहे दोस्तों ने कोचिंग संचालक और राहगीरों से मदद मांगी। कुछ ही मिनट में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों के प्रयास के बावजूद सार्थक को बचाया नहीं जा सका। परिवार को घटना की जानकारी मिलने के बाद पिता जतिन चौधरी टूट पड़े, बार-बार बस यही कह रहे थे – “मेरा बेटा चला गया…”।

सार्थक का व्यक्तित्व और परिवार की उम्मीद
सार्थक द चिटल्स पब्लिक स्कूल में दसवीं का छात्र था। पढ़ाई में तेज, शांत और जिम्मेदार था। वह परिवार का सबसे प्यारा बच्चा, दादा-दादी का लाड़ला और पिता की उम्मीद था। रोज की तरह कोचिंग से लौटते हुए घर पहुंचने में सिर्फ कुछ मिनट बचे थे, लेकिन एक लापरवाही ने उसकी पूरी जिंदगी छीन ली।

जिम्मेदारी और जांच
अभी तक स्पष्ट नहीं है कि केबल किसकी थी – इंटरनेट, टीवी या किसी डिजिटल नेटवर्क की। पुलिस ने केबल को कब्जे में ले लिया है और कहा है कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि इसे किसने लगाया और सड़क पर लटकने क्यों दिया। रतनलाल नगर जैसे पॉश इलाके में सड़कों पर खुली केबलों की भरमार है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई महीनों से ये लटकी रहती हैं, लेकिन कोई विभाग इस ओर ध्यान नहीं देता। गोविंद नगर थाने की पुलिस ने बताया कि परिजनों ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। पोस्टमार्टम के लिए बॉडी भेजी जा चुकी है।

परिवार की चीख-पुकार
सार्थक की मां बेसुध रोती रही। पिता जतिन चौधरी बार-बार अधिकारियों से अपील कर रहे थे लोगों की गलियों में ये केबलें क्यों लटकी रहती हैं? क्या कोई पहले नहीं देख सकता था? मेरा बेटा सिर्फ 15 साल का था… किसी की लापरवाही ने मेरी दुनिया उजाड़ दी। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि शहर में इंटरनेट और केबल कंपनियां बिना किसी अनुमति के तार डाल देती हैं, जिन्हें हटाने या व्यवस्थित करने का कोई सिस्टम नहीं है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Anil Kapoor

Related News

static