69000 सहायक शिक्षक भर्ती: अखिलेश बोले- BJP की कमजोर पैरवी का परिणाम है कोर्ट का फैसला
punjabkesari.in Wednesday, Mar 15, 2023 - 05:01 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर बीजेपी पर जोरदार निशाना साधा है। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की ओर से फैसला आया है। इस पर अखिलेश ने कहा कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 15, 2023
भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फँसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
बता दें कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन ना किए जाने पर 1 जून 2020 को जारी सहायक अध्यापक के चयन से जुड़ी सूची को तीन माह में संशोधित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया। इस चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था।
जहाँ अपने हक़ के लिए प्रदर्शन करने का भी हक़ न हो उस लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सबको आगे आना होगा।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 15, 2023
अब दलित-पिछड़े युवा आरक्षण को लेकर भाजपा की सोच और साज़िश दोनों को समझ गये हैं।
भाजपा याद रखे युवा में युग बदलने की शक्ति होती है।
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इस पर बेंच ने कहा है कि आरक्षण की सीमा किसी भी परिस्थिति में कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि जाहिर है, आरक्षित श्रेणी के जो अभ्यर्थी एटीआरई 2019 में उपस्थित हुए थे, उनके स्काेर और विवरण की कोई स्पष्टता नहीं थी। राज्य के अधिकारियों ने भी कोई प्रयास नहीं किया, साथ ही उनके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड भी नहीं है जो भर्ती में मदद करे। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब तक राज्य के अधिकारी चयन सूची को संशोधित नहीं करते हैं, इस मामले में पहले से नियुक्ति पा चुके और वर्तमान में एटीआरई 2019 के अनुसरण में विभिन्न जिलों में सहायक शिक्षक के तौर पर काम कर रहे अभ्यर्थी अपने पदों पर काम जारी रखेंगे।