69000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला: अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट, मामले पर ले रहे विधिक राय

punjabkesari.in Monday, Aug 19, 2024 - 12:58 PM (IST)

लखनऊ, (अश्वनी कुमार सिंह ): उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती आरक्षण विवाद को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ डबल बेंच के आदेश पर  6 से 7 हजार अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी (सहायक अध्यापकों) की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। यानी कोर्ट के आदेश के बाद सरकार नए सिरे से मेरिट बनती है तो अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से बाहर होना पड़ेगा। ऐसे में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लखनऊ हाई कोर्ट के फैसले को अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते है। इसे लेकर विधिक राय ले रहे हैं।

कोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ की थी बैठक
आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श किया और जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के पश्चात यह जानकारी साझा की। उन्होने कहा ‘‘ 69,000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आज न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया है।

आरक्षण का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को देगी सरकार
सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं।'' उन्होंने कहा ‘‘ उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए एवं किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।''

चयनित अभ्यर्थियों की नई सूची बनाए सरकार: कोर्ट 
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को सरकार को पुरानी सूची को दरकिनार कर नई चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है। न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने शिक्षक भर्ती मामले में 2019 में हुई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने एक जून 2020 और पांच जनवरी 2022 की चयन सूचियां को दरकिनार कर नियमों के तहत तीन माह में नई चयन सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। 


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Content Writer

Ramkesh

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