2 बेटों के बदले की दिल दहला देने वाली कहानी: 16 साल करते रहे इंतजार... फिर वही जगह और वैसा ही अंजाम
punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 02:35 PM (IST)

Hardoi News: उत्तर प्रदेश में हरदोई जिले के बेनीगंज में बीते मंगलवार को एक व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना 2009 में हुई एक हत्या का प्रतिशोध बताया जा रहा है। इस घटना में 30 से अधिक लोगों की भीड़, जिसमें कई महिलाएं भी शामिल थीं, ने एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला। यह हत्या उस व्यक्ति के 2 बेटों ने की, जिसे 16 साल पहले इसी इलाके में मारा गया था। इस मामले में पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक सरपंच महावत जो एक घुमंतू समुदाय से था ने 2009 में एक मामूली पैसे के विवाद के चलते मजदूर रामपाल पर हमला किया था। उस समय रामपाल के 2 बेटे, राहुल और बीरू जिनकी उम्र 12 और 10 साल थी। इसके बाद जब पिछले साल महावत जेल से बाहर आया, तो वह लखीमपुर में बस गया और वहां पर ही रहने लगा।
पुलिस के सामने हुई हत्या
बताया जा रहा है कि राहुल और बीरू ने पुलिस के सामने ही इस दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया। सरपंच महावत कुछ दिन पहले ही जमानत पर रिहा होकर फेरी लगाकर सामान बेच रहा था। तभी कुछ युवकों ने उसे घेर लिया। महावत भागकर एक घर में छिप गया। किसी ग्रामीण ने पुलिस को इस पूरे मामले की सूचना दी। जब पुलिस महावत को अपने साथ ले जा रही थी, तब लोगों की भारी भीड़ ने उसे पुलिस से छुड़वा लिया और फिर फरसे से हमला करके उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
जानिए, क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि मृतक सरपंच महावत और उसके भाई बबलू पर 2009 में अपने ही समुदाय के युवक रामपाल की हत्या का आरोप लगा था, जिसके बाद दोनों को जेल भेजा गया था। जमानत पर रिहा होने के बाद महावत दिल्ली चला गया, लेकिन कुछ समय बाद वह गांव वापस लौट आया और फेरी लगाकर अपना जीवन यापन करने लगा। सोमवार को जब महावत फेरी कर रहा था, तो कुछ युवकों ने प्रतिशोध लेने के उद्देश्य से उसे घेर लिया। महावत जान बचाने के लिए एक घर में घुस गया, और ग्रामीणों ने पुलिस को मामले की सूचना दी। जैसे ही पुलिसकर्मी उसे कोतवाली ले जाने लगे, हमलावरों ने पुलिसकर्मियों से उसे छुड़ा लिया और उसकी निर्मम हत्या कर दी। इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक नीरज सिंह जादौन भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लिया। पुलिस ने अब तक 18 हमलावरों को गिरफ्तार किया है। यह घटना समाज में प्रतिशोध और हिंसा की गंभीरता को दर्शाती है, जो पूर्व की घटनाओं के चलते आज भी जारी है।