आग से सब जल गया… मदद मांगी तो मौ/त की सलाह! मुआवजा मांगने पर लेखपाल ने किसान से कहा—''ट्रक के नीचे आ जाओ, 5 लाख मिलेंगे''
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 08:05 AM (IST)
Mahoba News: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। जहां चरखारी तहसील के चंदौली गांव में रहने वाले किसान राघवेंद्र के घर में आग लगने से अनाज, घरेलू सामान और जीवन भर की जमा-पूंजी जलकर राख हो गई। लेकिन इस भीषण तबाही के 23 दिन बाद भी किसान को कोई सरकारी मदद नहीं मिली। जब पीड़ित किसान ने मुआवजे को लेकर प्रशासन से संपर्क किया, तो उसे मदद के बजाय ऐसा जवाब मिला, जिसने व्यवस्था की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए।
23 दिन बाद भी नहीं मिली मदद, लेखपाल को किया फोन
घर जलने के बाद किसान राघवेंद्र लगातार तहसील के चक्कर काटता रहा। जब कई दिनों तक कोई सहायता नहीं मिली, तो उसने हल्का लेखपाल रामकुमार को फोन कर मुआवजे के बारे में पूछा। लेखपाल ने किसान को बताया कि उसे केवल 4000 रुपये का मुआवजा मिलेगा। जब किसान ने अपनी तबाही का हवाला देते हुए अधिक मदद की गुहार लगाई, तो लेखपाल ने बेहद संवेदनहीन और अमानवीय टिप्पणी कर दी।
'ट्रक के नीचे आकर मर जाओ, 5 लाख मिल जाएंगे'
फोन पर बातचीत के दौरान लेखपाल ने किसान से कहा— 'अगर ज्यादा पैसा चाहिए तो किसी ट्रक के नीचे आकर जान दे दो, मर जाओगे तो परिवार को पांच लाख रुपये मिल जाएंगे।' यह बात सुनकर किसान पूरी तरह सन्न रह गया। इस बातचीत का ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें लेखपाल की आवाज साफ सुनाई दे रही है।
आग में जल गया शादी का सामान और पूरी गृहस्थी
पीड़ित किसान का कहना है कि आग लगने की घटना में उसका शादी का सामान, अनाज और रोजमर्रा की जरूरत का पूरा घरेलू सामान जल गया। यह उसकी जीवन भर की कमाई थी, जो कुछ ही मिनटों में राख हो गई। प्रशासन की ओर से आश्वासन तो मिले, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई मदद नहीं पहुंची, जिससे किसान और उसका परिवार बेहद परेशान है।
तहसीलदार ने दिए जांच के आदेश
मामले पर चरखारी तहसीलदार आर.एन. मिश्रा ने बताया कि आग लगने की घटना चंद्रपाल (परिजन) के घर में हुई थी। नुकसान का आकलन करने के बाद इसे आंशिक मकान क्षति मानते हुए 4000 रुपये की सहायता राशि तय की गई थी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि लेखपाल का ऑडियो उनके संज्ञान में आया है। तहसीलदार ने कहा, “ऑडियो की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना के बाद गांव और जिले में प्रशासनिक संवेदनशीलता को लेकर नाराजगी है। लोगों का कहना है कि जब एक किसान सब कुछ खो चुका हो, तब उसे इस तरह का जवाब देना अपराध से कम नहीं है। अब सभी की नजरें प्रशासन की जांच और लेखपाल पर होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।

