बिल नहीं दिया तो नहीं मिली लाश! बरेली में निजी अस्पताल की बेरहमी—बेटे के शव के लिए सड़क पर भीख मांगता दिखा पिता
punjabkesari.in Friday, Dec 19, 2025 - 02:18 PM (IST)
Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने ढाई लाख रुपए का बिल चुकाने तक शव देने से इनकार कर दिया। मजबूर पिता को अपने बेटे की लाश पाने के लिए सड़क पर उतरकर लोगों से हाथ जोड़कर मदद मांगनी पड़ी। इस दर्दनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
सड़क हादसे में घायल हुआ था युवक, 14 दिन चला इलाज
जानकारी के मुताबिक, बदायूं के दातागंज क्षेत्र का रहने वाला 24 वर्षीय युवक एक दिसंबर को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। पहले उसे बदायूं के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर बरेली के पीलीभीत बायपास स्थित एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। यहां युवक का करीब 13 से 14 दिनों तक इलाज चला। इस दौरान उसके सिर का ऑपरेशन भी किया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके।
बिल ना चुका पाने पर शव देने से इनकार का आरोप
परिजनों का आरोप है कि युवक की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने करीब ढाई लाख रुपये का बिल थमा दिया। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जब बिल चुकाने में असमर्थ रहा तो अस्पताल ने शव सौंपने से इनकार कर दिया। पिता ने कई बार अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार मजबूरी में पिता अस्पताल के बाहर सड़क पर आ गए और अपने बेटे की लाश पाने के लिए लोगों से पैसे मांगने लगे।
वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप
पिता के रोते-बिलखते हुए भीख मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो सामने आते ही लोग स्वास्थ्य व्यवस्था और निजी अस्पतालों की संवेदनशीलता पर सवाल उठाने लगे। लोगों का कहना है कि क्या अब इलाज ही नहीं, मौत के बाद शव भी पैसे से जुड़ गया है।
पैसे जुटने के बाद मिला शव, हुआ अंतिम संस्कार
आरोप है कि स्थानीय लोगों और राहगीरों की मदद से पिता ने किसी तरह पैसे जुटाए और अस्पताल का बिल चुकाया। इसके बाद अस्पताल ने शव सौंपा। शव मिलने के बाद परिजन उसे गांव ले गए और अंतिम संस्कार किया।
अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को किया खारिज
मामले में अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को गलत बताया है। अस्पताल के मैनेजर रजत पटेल ने दावा किया कि मृतक के परिवार का पूरा बिल माफ कर दिया गया था और किसी को शव के लिए भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार के कुछ सदस्य अस्पताल में ही कार्यरत हैं।
अस्पताल का दावा—इलाज और दवाइयों में दी गई रियायत
अस्पताल कर्मचारियों के अनुसार, युवक को एक दिसंबर को भर्ती किया गया था और उसकी हालत गंभीर थी। इलाज के दौरान परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कई दवाइयां मुफ्त दी गईं। स्टाफ का कहना है कि इलाज के दौरान परिवार की ओर से कोई भुगतान नहीं किया गया था। मौत के बाद भी पूरा बिल माफ कर दिया गया।
CCTV का हवाला, फिर भी सवाल बरकरार
अस्पताल कर्मचारियों का दावा है कि परिसर में CCTV कैमरे लगे हैं और अस्पताल के बाहर भीख मांगने जैसी कोई घटना नहीं हुई। हालांकि, वायरल वीडियो और परिजनों के आरोपों ने निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य व्यवस्था की संवेदनशीलता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

