असम में बाल विवाह पर एक्शन: ओवैसी का CM से सवाल- पति जेल गए ते महिलाओं का क्या होगा ?

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 12:24 AM (IST)

लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने असम (Assam) में बाल विवाह (Child marriage) पर कार्रवाई के पीछे राज्य सरकार (State Government) की मंशा पर रविवार को सवाल उठाते हुए कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्व की सरकार की विफलता को दर्शाता है।
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नाबालिग की शादी में शामिल माता-पिता को नोटिस
एआईएमआईएम प्रमुख (AIMIM chief) ने पूर्वोत्तर राज्य में की गई सैकड़ों गिरफ्तारियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, "जो भी कार्रवाई की जा रही है, उसके पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा है।" उल्लेखनीय है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि पुलिस द्वारा पिछले दिन से बाल विवाह के खिलाफ शुरू किया गया अभियान 2026 में अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा। असम सरकार के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और जिन्होंने 14-18 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों से शादी की है उनके खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे। शर्मा ने कहा है कि नाबालिग की शादी में शामिल माता-पिता को फिलहाल नोटिस देकर छोड़ा जा रहा है और गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। असम सरकार के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई में शनिवार तक राज्य में 2,250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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सरकार ने पिछले छह वर्षों में इन सभी को क्यों नहीं रोका?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की कार्यकारी समिति की बैठक में भाग लेने के लिए लखनऊ आए ओवैसी ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में पारित किया गया था और यह भाजपा की सरकार है जो देश में और पिछले छह वर्षों से असम में सत्ता में है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ने पिछले छह वर्षों में इन सभी को क्यों नहीं रोका? यह वास्तव में उनके शासन की विफलता को दर्शाता है।" उन्होंने आरोप लगाया, "विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि आप बाल विवाह रोकना चाहते हैं तो आपको बहुत सारे स्कूल खोलने होंगे, (लेकिन) आपने ऐसा नहीं किया। आपने मदरसों को भी बंद कर दिया है जो किसी न किसी रूप में शिक्षा प्रदान कर रहे थे।"

अब, उन गरीब महिलाओं की देखभाल कौन करेगा?
ओवैसी ने पूछा कि अब उन गरीब महिलाओं की देखभाल कौन करेगा, जो बाल विवाह पर राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद अधर में छोड़ दी गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब, उन गरीब महिलाओं की देखभाल कौन करेगा? उनकी देखभाल के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? '' उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों के खिलाफ पूरी तरह से पक्षपाती, मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण सरकार है। असम मंत्रिमंडल ने हाल में फैसला किया था कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।


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Content Writer

Mamta Yadav

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