अखिलेश बोले- निवेश चाहिये तो भाजपा को मुसलमानों से नफरत भूलनी पड़ेगी
punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2025 - 08:23 PM (IST)
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उर्दू को लेकर उनके बयान की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह पहली सरकार है जो उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करके ही उर्दू का विरोध कर रही है। यादव ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अगर निवेश चाहती है तो उसे मुसलमानों के खिलाफ नफरत भूलनी पड़ेगी।
यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में उर्दू को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा मंगलवार को दिये गये बयान का जिक्र करते हुए कहा, ''कुछ लोगों ने तो उर्दू का विरोध भी उर्दू में ही किया। यह पहली सरकार है जो उर्दू का विरोध उर्दू में कर रही थी। उन्होंने (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने) अपने भाषण में उर्दू के अनेक शब्द बोले जिनमें बदनाम, बख्शा नहीं जाएगा, पैदा, गुनहगार, मौत, तमाम, हादसा, जान, बस्ती, तबके, पायदान, अगर, सरकार, दुनिया शब्दों का प्रयोग किया। क्या यह उर्दू शब्द नहीं हैं?''
उन्होंने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट का जिक्र करते हुए कहा, ''इनका बजट भाषण बिना उर्दू के पूरा ही नहीं हुआ है। लगता है कि वित्त मंत्री ने गोपनीयता बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी को भी बजट नहीं दिखाया। अगर मुख्यमंत्री जी को दिखा दिया होता तो शायद वित्त मंत्री जी यह शेर नहीं पढ़ पाते कि, 'जिस दिन से चला हूं, मेरी मंजिल पर नजर है।'' यादव ने कहा, ''हमारे मुख्यमंत्री को पता ही नहीं है उर्दू के बारे में। उर्दू से ही उर्दू का विरोध कर रहे थे। सच्चाई यह है कि उर्दू भारतीय भाषा है। वह यहीं पर जन्मी है, यहीं पर पली-बढ़ी है। मुख्यमंत्री जी को कुछ पता नहीं है। वह बस अकेले में गज़ल सुनते हैं। सुना है कि एक बार वह बहुत भावुक हो गए थे।
भारत दौरे पर आये कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल सानी की अगवानी के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खुद हवाई अड्डे पर पहुंचने से जुड़े एक सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, ''सरकार अगर निवेश चाहती है तो उसे मुसलमानों के खिलाफ नफरत भूलनी पड़ेगी। जिस तरह से यह कहा जाता है कि जब तक कानून-व्यवस्था ठीक नहीं होगी तब तक निवेश नहीं आएगा। उसी तरह जब तक आप नफरत नहीं खत्म करेंगे तब तक आप राज्य को ‘ग्रोथ इंजन' कैसे बना पाएंगे?'' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही का उर्दू में भी अनुवाद करने की मांग करने पर सपा की आलोचना करते हुए कहा था कि वे अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजते हैं, लेकिन चाहते हैं कि दूसरों के बच्चे उर्दू सीखें और 'मौलवी' बनें।