माफिया अतीक अहमद के समर्थन में उतरे मौलाना तौकीर रजा, कहा- प्रदेश में मुसलमानों के साथ हो रहा कथित ''अन्याय''
punjabkesari.in Thursday, Apr 20, 2023 - 02:40 PM (IST)

बरेली: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या और प्रदेश में मुसलमानों के साथ हो रहे कथित 'अन्याय' के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान करने वाले इत्तेहाद-ए -मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते धरना-प्रदर्शन नहीं कर सके। नगर मजिस्ट्रेट रेनू सिंह ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा खां ने बुधवार को माफिया-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या और प्रदेश में मुसलमानों के साथ हो रहे कथित अन्याय के विरोध में बुधवार को इस्लामिया कॉलेज मैदान में धरना देने का आह्वान किया था, मगर इसके लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
पुलिस धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का दिया हवाला
उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर बुधवार सुबह से मौलाना के सौदागरान स्थित निवास के पास एहतियातन पुलिस और अर्द्धसैनिक बल का पहरा बढ़ा दिया गया था। वहीं, सुबह से बिहारीपुर के पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर खां ने करीब एक बजे के बाद नमाज के बाद इस्लामियां ग्राउंड में जाने का मन मनाया तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए जाने से रोक दिया। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि जब आईएमसी नेताओं ने जबरन धरना स्थल पर जाने का एलान किया तब प्रशासन ने मौलाना तौकीर रजा खां और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं डाक्टर नफीस, नदीम खां, नदीम कुरैशी, मुनीर इदरीसी और अफजाल बेग को नजरबन्द कर दिया।
सीएम योगी के खिलाफ साजिश रचने का मुकदमा दर्ज करने की उठाई मांग
उन्होंने बताया कि इस बात से मौलाना के समर्थक नाराज हो गए और बाद में मौलाना और उनके समर्थक मोहम्मद नदीम के घर से निकलने वाली गली में रास्ते पर धरने पर बैठ गए। हालांकि पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें मौके से हटा दिया। बाद में, संवाददाताओं से बातचीत में मौलाना तौकीर रजा खां ने सरकार को घेरते हुए अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ साजिश रचने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच उच्यतम न्यालय जर्ज से कराने की मांग की
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अतीक और अशरफ के मामले में किसी जांच एजेंसी पर विश्वास नहीं है। मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायधीश से ही कराई जानी चाहिए। गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई की पिछली 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब उन्हें चिकित्सीय परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया है।