खत्म हुई अपर्णा यादव की नाराजगी! पति संग सीएम योगी से की मुलाकात, क्या अब संभालेगी उपाध्यक्ष का पद?
punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2024 - 10:31 AM (IST)
Aparna Yadav News: हाल ही में दिवंगत मुलायम सिंह यादव के बहु अपर्णा यादव की भारतीय जनता पार्टी से नाराजगी की खबरें सामने आई थी। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब तक अपर्णा यादव ने कार्यभार नहीं संभावना है। इसी बीच सोमवार को अपर्णा यादव ने अपने पति प्रतीक यादव के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शिष्टाचार भेंट की।
सीएम कार्यालय पर हुई मुलाकात
अपर्णा यादव और उनके पति ने सीएम योगी के आफिस में उनसे मुलाकात की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है और लिखा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अपर्णा बिष्ट यादव ने अपने पति प्रतीक यादव के साथ शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज से आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अपर्णा बिष्ट यादव जी ने अपने पति श्री प्रतीक यादव जी के साथ शिष्टाचार भेंट की।@aparnabisht7 pic.twitter.com/E7YMnR24Mg
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) September 9, 2024
उपाध्यक्ष का पद संभाल सकती हैं अपर्णा!
इस मुलाकात के बाद चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अब अपर्णा उपाध्यक्ष का पद संभाल सकती हैं या फिर उन्हें कोई दूसरा पद सौंपा जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हालही में यह खबर भी सामने आई थी कि अपर्णा यादव ने चाचा शिवपाल यादव समेत सपा के दो बड़े नेताओं से संपर्क किया था। अपर्णा ने शिवपाल यादव से मुलाकात भी की थी। वहीं, बीजेपी ने भी किसी भी नाराजगी से इनकार किया था। अब अपर्णा की सीएम योगी से मुलाकात के बाद फिर से चर्चा तेज हो गई है।
यह भी पढ़ेंः 69 हजार शिक्षक भर्ती केस; आज से फिर शुरू होगा आंदोलन, सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय तक रहेगा जारी
उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में 69,000 सहायक शिक्षकों की नयी चयन सूची तैयार करने को कहा गया था। शीर्ष अदालत ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी, जिनमें 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब 23 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। जिससे दोनों पक्षों यानी आरक्षित व अनारक्षित दोनों वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय की उम्मीद है।