वाराणसी कचहरी में दरोगा पर हमला: शरीर पर 17 घाव… सिर से किडनी तक चोटें... 10 वकीलों समेत 60 पर FIR दर्ज
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 04:01 PM (IST)

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले में कचहरी परिसर में पुलिस उपनिरीक्षक (दरोगा) मिथिलेश कुमार प्रजापति पर हुए हमले ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। देर रात कैंट थाना पुलिस ने घायल दरोगा की तहरीर पर 10 वकीलों समेत लगभग 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है।
आरोपियों ने रची साजिश, किया जानलेवा हमला
एफआईआर में दरोगा ने आरोप लगाया है कि कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के अधिवक्ताओं ने संगठित होकर साजिश रची और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए धारदार हथियारों से लैस होकर उन पर हमला कर दिया। मारपीट के दौरान दरोगा को 17 गंभीर चोटें आईं, जिनमें सिर, पीठ और किडनी तक शामिल हैं। पीट-पीटकर दरोगा को बेहोश कर दिया गया और उनके पास से ₹4200 भी लूट लिए गए।
कांस्टेबल भी घायल, CCTV फुटेज आया सामने
इस हमले में दरोगा को बचाने पहुंचे कांस्टेबल राणा प्रसाद भी चोटिल हो गए। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि वकीलों की भीड़ दरोगा को घेरकर बेरहमी से पीट रही है।
पुराने जमीन विवाद से जुड़ा मामला
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह हमला एक पुराने जमीन विवाद से जुड़ा हो सकता है। मोहित मौर्य और उनके पट्टीदार प्रेमचंद मौर्य के बीच ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा था। इस मामले में दरोगा मिथिलेश कुमार ने मोहित को हिरासत में लिया था, जिस पर मारपीट का भी आरोप लगा था। बाद में कुछ वकीलों के हस्तक्षेप से मोहित को थाने से रिहा किया गया था। माना जा रहा है कि इसी रंजिश के चलते कचहरी परिसर में हमला हुआ।
बार काउंसिल का कड़ा रुख
घटना के बाद बार काउंसिलों ने भी कार्रवाई की बात कही है। सेंट्रल बार काउंसिल और बनारस बार काउंसिल दोनों ने हमले की निंदा की है। सेंट्रल बार अध्यक्ष मंगलेश दुबे और महामंत्री राजेश गुप्ता ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे बार सभागार में विशेष बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में असामाजिक प्रवृत्ति के अधिवक्ताओं के खिलाफ गाइडलाइन तैयार की जाएगी। साथ ही एक मेमोरेंडम जारी कर चेतावनी दी जाएगी कि भविष्य में यदि कोई अधिवक्ता इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाया गया, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।