''बेड नहीं, ऑक्सीजन नहीं...'' मेडिकल कॉलेज ने लौटाया, पिता कंधे पर लेकर भागा — रास्ते में बेटे ने तोड़ा दम

punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 09:37 AM (IST)

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज से एक बेहद दुखद और दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। जहां 12 साल का एक मासूम बच्चा इलाज के इंतजार में तड़पता रहा, लेकिन डॉक्टरों ने उसे बेड और ऑक्सीजन की कमी बताकर भर्ती नहीं किया। पिता बच्चे को कंधे पर उठाकर निजी अस्पताल ले जाने की कोशिश करता रहा, लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई।

तेज बुखार से जूझ रहा था मासूम आरिफ
अयोध्या के हैरिंग्टनगंज गांव के रहने वाले मोहम्मद मुनीर का 12 साल का बेटा मोहम्मद आरिफ 2 दिनों से तेज बुखार से परेशान था। शुरुआत में उसे गांव के एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया गया, लेकिन हालत नहीं सुधरी। इसके बाद उसे सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखकर उसे राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

मेडिकल कॉलेज ने भर्ती करने से किया इनकार
परिजनों के मुताबिक जब वे बच्चे को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, तो इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में ना तो बेड खाली है, और ना ही ऑक्सीजन उपलब्ध है। डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि मरीज को किसी निजी अस्पताल ले जाओ।रिश्तेदार मेराज ने बताया कि बच्चे की हालत बहुत खराब थी। हमें मदद की उम्मीद थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। हम आरिफ को लेकर भागे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

प्रशासन ने लिया एक्शन, 3 डॉक्टर सस्पेंड
घटना सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्यजीत वर्मा ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तीन डॉक्टरों को तुरंत सस्पेंड कर दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी गलती है। इमरजेंसी में दो अतिरिक्त डॉक्टर तैनात थे, फिर भी इस तरह की घटना बेहद दुखद और अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी माना कि अस्पताल में मरीजों की संख्या ज्यादा है, लेकिन हर मरीज को सही इलाज देने की जिम्मेदारी अस्पताल की ही है। इसके लिए एक विशेष जांच समिति भी बनाई गई है जो इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी।

परिवार गम में डूबा, गांव में आक्रोश
मोहम्मद मुनीर और उनका परिवार अपने बेटे की मौत से सदमे में है। गांव में भी इस घटना के बाद गुस्सा और दुख का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो शायद आरिफ की जान बच सकती थी।


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Content Editor

Anil Kapoor

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