Ayodhya News: राम मंदिर ध्वजारोहण से पहले तैयार ध्वज वापस क्यों भेजे गए? जानिए पूरी वजह
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 05:01 PM (IST)
Ayodhya News: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के आगामी ध्वजारोहण और पूर्णाहुति समारोह की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 25 नवंबर को होने वाले इस विशेष आयोजन के लिए लगातार मॉक ड्रिल और परीक्षण कर रहा है। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अनुसार ध्वजारोहण का शुभ मुहूर्त सुबह 11:58 बजे से दोपहर 1:00 बजे के बीच तय किया गया है। इसी बीच एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है- मंदिर के शिखर पर फहराने के लिए तैयार किए गए विशेष ध्वजों को वापस भेज दिया गया है।
ध्वज निर्माताओं को आवश्यक सुधार करने के निर्देश
सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट की ओर से हाल ही में अयोध्या लाए गए तीन ध्वजों का ट्रायल किया गया, जिसमें पाया गया कि ध्वज का वजन अपेक्षा से अधिक है। भारी वजन के कारण हवा में ध्वज ठीक से लहर नहीं पा रहा था। इसी वजह से ध्वजारोहण की तैयारी देख रही टीम ने ध्वज निर्माताओं को आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी है कि अहमदाबाद समेत देश के कई हिस्सों में तैयार किए जा रहे इन ध्वजों में वजन कम करने सहित कुछ तकनीकी संशोधन किए जा रहे हैं। ट्रस्ट चाहता है कि 25 नवंबर से पहले सुधारे गए ध्वज अयोध्या वापस पहुंचे, ताकि दोबारा ट्रायल कर यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुख्य कार्यक्रम में कोई तकनीकी दिक्कत न आए।
प्रधानमंत्री मोदी का विशेष प्रवास
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को लगभग चार घंटे अयोध्या धाम में रुकेंगे। उनका कार्यक्रम पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंगा होगा। वे पहले सप्त ऋषि मंदिर में दर्शन करेंगे, जहाँ सभी वैदिक आचार्यों की उपस्थिति अनिवार्य रखी गई है। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर जाएंगे और फिर मुख्य ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होंगे। ध्वजारोहण उनके संबोधन से पहले संपन्न होगा। शिखर पर ध्वज की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और हवा में उसके संतुलन का परीक्षण किया जा चुका है। आज एक और मॉक ड्रिल प्रस्तावित है, और संभावना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भी एक ट्रायल किया जाएगा।
7000 अतिथियों को मिलेगा निमंत्रण
ट्रस्ट के अनुसार, आयोजन में करीब 7000 आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे। पुलिस द्वारा सभी मेहमानों की सुरक्षा जांच पूरी कर ली गई है। कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा पर लगातार बैठकें हो रही हैं। ध्वज ट्रायल की टीम से भी समीक्षा की गई है। तैयारियों को इस तरह अंतिम रूप दिया जा रहा है कि 25 नवंबर का यह पवित्र आयोजन बिना किसी रुकावट के संपन्न हो सके।

