Ayodhya: अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का होगा रामकथा संग्रहालय, कैबिनेट ने दी मंजूरी
punjabkesari.in Saturday, Feb 25, 2023 - 01:58 PM (IST)

अयोध्या, (संजीव आजाद): उत्तर प्रदेश में अयोध्या का अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लीज पर दे दिया जाएगा। इसको लेकर श्री राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने उत्तर प्रदेश शासन को जो पत्र भेजा था उस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब शीघ्र ही अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर के बाद रामकथा संग्रहालय श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लीज पर दे दिया जाएगा। यहां सृजित कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय लखनऊ के अधीन किसी अन्य संग्रहालय में समायोजित करने के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय विचार मंच के अध्यक्ष शक्ति सिंह सवाल उठाते हैं कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर इसी रामकथा संग्रहालय में गुमनामी बाबा की संरक्षित सामग्री की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी इसे भी सरकार को देखना होगा।
बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना पहले श्री राम जन्मभूमि परिसर में ही संग्रहालय बनाने की थी लेकिन मंदिर निर्माण के बाद आने वाली श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ और सुरक्षा कारणों के चलते इसको अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। इसके बाद 30 सितंबर 2022 को श्री राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने रामकथा संग्रहालय को श्री राम मंदिर ट्रस्ट को देने के लिए यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को एक पत्र भेजा था। जिसको अब कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है।
12.31 करोड़ की लागत से 2015 में तैयार हुआ अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय 3 एकड़ भूमि में स्थित है। ग्राउंड फ्लोर समेत दो तल के इस भवन में कुल 18 कमरे हैं। रामजन्मभूमि परिसर के उत्खनन के दौरान मिले पुरातात्विक साक्ष्यों को भी इसमें संरक्षित और प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा पर्यटन विभाग द्वारा 4 आर्ट गैलेरी का भी निर्माण किया गया है। अब हस्तांतरण के बाद रामकथा संग्रहालय की सारी संचालन व्यवस्था और विस्तार करने की क्षमता श्री राम मंदिर ट्रस्ट के पास हो जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए रामकथा संग्रहालय में मौजूद सामानों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर लीज एग्रीमेंट के जरिए इसे राम मंदिर ट्रस्ट को हस्तांतरित किया जाएगा। हालांकि इस पर स्वामित्व संस्कृति विभाग का होगा लेकिन रखरखाव और संचालन श्री राम मंदिर ट्रस्ट अपने हिसाब से करेगा।
अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में गुमनामी बाबा से जुड़ी सामग्रियों को भी संरक्षित किया गया है। 2016-17 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर तत्कालीन फैजाबाद कोषागार के डबल लॉक से लाई गईं गुमनामी बाबा की 425 सामग्री संरक्षित और प्रदर्शित की गई है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विमान दुर्घटना में हुई मौत का सच तलाशने वाले मुखर्जी आयोग ने इन सामानों को देखा था। अब सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय विचार मंच के अध्यक्ष शक्ति सिंह सवाल उठाते हैं की राम मंदिर ट्रस्ट को देते समय इस बात को भी देखना होगा की कहीं इससे हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। हालांकि संस्कृति विभाग और राम मंदिर ट्रस्ट दोनों ने उनको भरोसा दिलाया है कि सारे सामानों को सुरक्षित रूप से संरक्षित रखा जाएगा।
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