ओम शिव बैलेंस...से बीमारी दूर करने वाले बाबा संतोष भदौरिया की बढ़ीं मुश्किलें, इस वकील ने ठोका चैलेंज

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2023 - 03:34 PM (IST)

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में ओम शिव बैलेंस.. बोल कर  फूंक मारकर सभी बिमारियों का इलाज करने वाले बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल कानपुर के वकील ने बाबा को चैलेंज किया है। कानपुर के कालोनी में जूही में रहने वाले वकील अनिरुद्ध जायसवाल ने एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि करौली सरकार के बाबा संतोष सिंह भदौरिया से मैं पूरी तरह से सहम हूं।

उन्होंने कहा कि मेरा एक बेटा है उसे बोलने, सुनने में दिक्कत है। इसकी स्पीच थैरिपी चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि इसी के साथ की मेरी जुड़वा बेटी स्तुति जायसवाल है, जिसकी आंखों में भैंगापन का रोग है। मैं करौली सरकार के संतोष सिंह भदौरिया से पूछना चाहता हूं कि मैं आपके दरबार में कब आ जाऊं। मैं बाबा को खुला चैलेंज देता हूं कि दोनों बच्चों को ठीक कर दें तो मेरे नाम पर जितनी भी संपत्ति है आपको दान कर दूंगा। वहीं नोएडा सेक्टर-48 में रहने वाले डॉ. सिद्धार्थ चौधरी अपनी घरेलू समस्याओं को लेकर बिधनू स्थित लव कुश आश्रम में पहुंचे थे। बाबा ने ओम शिव बैलेंस... बोल कर फूंक मारा, पीड़ित ने कहा कि मुझे कुछ भी फायदा नहीं हुआ। जिससे बाबा भड़क। उसे पागल कहने लगे। इतनी ही देर में उनके समर्थकों ने उसे और उसके परिवार को बुरी तरह से आश्रम में पीट दिया।

पीड़ित किसी तरह से जान बचा कर वहां से भाग निकला। पीड़ित की मानें तो इलाज के बाद कानपुर के एक मित्र की मदद से सारे साक्ष्य लेकर शनिवार को सौपी बीपी जोगदंड के पास पहुंचे। सौपी के आदेश पर विधन पुलिस ने बाबा डॉ. संतोष सिंह भदौरिया व उसके सेवादारों के खिलाफ मारपीट, गाली गलौज व की धारा में एफआईआर दर्ज की। हालांकि पुलिस ने आज बाबा से इस मामले में पूछताछ करने के लिए आश्रम में जा सकती है।

2600 की रसीद कटवाने
पर मिले थे बाबा डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार उन्होंने आश्रम में प्रक्रियानुसार 2600 रुपये की रसीद कटाई थी। इसके बाद उन्हें बाबा के सामने पेश किया गया था। उनका आरोप कि हजारों की भीड़ सामने उन्होंने बाबा चमत्कार का विरोध किया था, जिससे बाबा ने खुन्नस में उन्हें पिटवाया। इससे लोगों में दहशत हो और वो बाबा के फर्जी चमत्कार पर अपनी हामी भर सकें।

वर्ष 1994 में हुई थी एनएसए की कार्रवाई
संतोष भदौरिया के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर 14 अगस्त 1994 को एनएसए की कार्रवाई हुई थी। जिसकी संख्या 14/जे /ए एनएसए 1994 है। संतोष ने एनएसए हटाने के लिए गृह सचिव को पत्र भेजा था। पत्र में संतोष ने बताया था कि यह वर्ष 1989 से किसान यूनियन में कार्यकर्ता था। वह भारतीय किसान यूनियन का जिलाध्यक्ष भी था।

सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर आश्रम खोलने का आरोप
सिंह भदौरिया का आपराधिक इतिहास रहा है। वर्ष 1992-95 के बीच हत्या, सेवन सीएलए समेत कई आपराधिक मामले उस पर दर्ज हुए थे। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए वह किसानों का नेता बनकर 1992 में फजलगंज में हुई हत्या में आया था नाम जमीनों पर अवैध कब्जे करने लगा। यहां तक की कोतवाली थाना क्षेत्र में जमीन का एग्रीमेंट कराकर रुपये तक हड़पने का आरोप भी है। फिर विधन में भूदान पट्टा पर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर कब्जा कर आश्रम खोल लिया। यू ट्यूब पर मंत्र से समस्याएं हल करने के वीडियो अपलोड करने लगा। उसके करौली बाबा नाम से बने यू ट्यूब चैनल में 93 हजार सब्सक्राइबर है।

हत्या के मामले में भी एक दर्ज हुई थी एफआईआर
चार अगस्त 1992 में शास्त्रीनगर निवासी अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में राज कुमार ने संतोष भदौरिया व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। तब उसका नाम प्रकाश में आया था। 27 मार्च 1993 को संतोष भदौरिया को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वहीं 7 अगस्त 1994 को तत्कालीन कोतवाली प्रभारी वेद पाल सिंह ने संतोष भदौरिया व उनके साथियों के खिलाफ गालीगलौज, मारपीट, क्रिमिनल एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज की थी। । इसके बाद 12 अगस्त 1994 को महाराजपुर थाने में तैनात तत्कालीन कांस्टेबल सत्य नारायण व संतोष कुमार सिंह ने सरकारी कार्य में बाधा डालना, मारपीट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वर्ग में भी उसके खिलाफ वर्ष 1995 में एफआईआर दर्ज हुई थी।



 


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Ramkesh

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