मां की आंखों के सामने मासूम को उठा ले गया भेड़िया! बहराइच में आदमखोर ने फिर बच्चे को बनाया शिकार, दहशत में पूरा इलाका

punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 10:27 AM (IST)

Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बार फिर जंगली जानवरों का खौफनाक चेहरा सामने आया है। जहां थाना फखरपुर क्षेत्र के रसूलपुर गांव में रात करीब 4 बजे अचानक एक घर से तेज रोने-चिल्लाने की आवाजें आने लगीं। आवाज सुनते ही आसपास के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और लाठी-डंडे लेकर खेतों की ओर दौड़ पड़े।

मां की आंखों के सामने उठा ले गया जानवर
कुछ देर बाद लोगों को जानकारी मिली कि गांव निवासी राम मनोहर का तीन साल का बेटा अंशु, जो अपनी मां के साथ घर में सो रहा था, उसे कोई जंगली जानवर उठा ले गया। बच्चे को उठाकर ले जाते देख मां ने शोर मचाया और उसके पीछे दौड़ी, लेकिन अंधेरे और डर के कारण वह कुछ नहीं कर सकी। मां की चीख-पुकार सुनकर घर के लोग और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और बच्चे की तलाश शुरू की।

घंटों तलाश के बाद भी नहीं मिला मासूम
करीब 4 घंटे तक गांव वाले खेतों और आसपास के इलाकों में बच्चे को खोजते रहे, लेकिन अंशु का कोई सुराग नहीं मिला। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन अब तक बच्चे का पता नहीं चल सका है।

पहले से दहशत में है इलाका, आदमखोर भेड़ियों का आतंक
जिस इलाके में यह घटना हुई है, वह फखरपुर थाना क्षेत्र से सटे कैसरगंज इलाके के पास पड़ता है। इस क्षेत्र में पिछले चार महीनों से आदमखोर भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है। अब तक नौ मासूम बच्चों समेत 11 लोगों की जान जा चुकी है और करीब तीन दर्जन लोग घायल हो चुके हैं। वन विभाग की टीम अब तक छह आदमखोर भेड़ियों को मार गिरा चुकी है।

आशंका: बचा हुआ भेड़िया हो सकता है हमले के पीछे
वन विभाग को आशंका है कि कहीं पहले पकड़े गए भेड़ियों में से कोई एक बचा हुआ भेड़िया तो नहीं है, जिसने इस वारदात को अंजाम दिया हो। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि मासूम अंशु को किस जंगली जानवर ने उठाया है।

ग्रामीणों में फिर फैली दहशत, उठ रहे सवाल
इस घटना के बाद कैसरगंज और आसपास के गांवों में फिर से दहशत का माहौल है। ग्रामीण सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक जंगली जानवरों के हमले होते रहेंगे? कब ग्रामीण अपने बच्चों और परिवार के साथ चैन की नींद सो पाएंगे?

पीड़ित परिवार पर ही सवाल, ग्रामीणों में नाराजगी
इस मामले में इलाके के रेंजर ने पीड़ित परिवार को ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि घर का दरवाजा बंद नहीं था। इस पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि गांवों में अधिकतर घर फूस और कच्चे होते हैं, जिन्हें पूरी तरह सुरक्षित बनाना आसान नहीं है। फिलहाल बच्चे के घर में मातम पसरा हुआ है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वन विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी पर अब एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।


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Content Editor

Anil Kapoor

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