Ballia: गंगा-सरयू के मिलन का साक्षी है ददरी मेला, गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
punjabkesari.in Tuesday, Nov 08, 2022 - 07:26 PM (IST)

बलिया: सनातन संस्कृति में पुष्पित और पल्लवित बलिया का ददरी मेला अपने अंदर कई तरह के अध्यात्मिक इतिहास को समेटे आज भी खड़ा है। मेला बलिया में गंगा और सरयू के मिलन का भी साक्षी है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महर्षि भृगु एवं दर्दर मुनि की तपोभूमि बलिया में गंगा नदी के तट पर श्रद्धालुओं के स्नान के साथ ही ददरी मेला शुरू हुआ।
महर्षि भृगु एवं दर्दर मुनि की तपोभूमि बलिया
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि महर्षि भृगु एवं दर्दर मुनि की तपोभूमि बलिया में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा नदी में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके अनुसार सोमवार से ही महास्नान के लिए श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया और मध्यरात्रि से महास्नान शुरू हुआ तो यह मंगलवार को पूरे दिन चलता रहा। उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान स्थल शिवरामपुर घाट पर श्रद्धालुओं का जमघट दोपहर तक लगा रहा, ऐसे में भीड़ अधिक होने के चलते हजारों श्रद्धालुओं ने आसपास के अन्य घाटों पर ही गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगायी। उनका कहना था कि यहां उमड़ी भीड़ ने गंगा की रेत पर लगे तम्बू-शमियाना में बैठकर कल्पवास किया तथा श्रद्धालुओं ने महर्षि भृगु, उनके शिष्य दर्दर तथा बाबा बालेश्वर नाथ का दर्शन-पूजन भी किया।
किसी अनहोनी की कोई सूचना नहीं
अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने संवाददाताओं को बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर पुण्य स्नान के साथ ही प्रसिद्ध ददरी मेला शुरू हुआ। तिवारी ने कहा कि पुलिस की व्यापक व्यवस्था के मध्य स्नान सकुशल संपन्न हो गया है तथा किसी अनहोनी की कोई सूचना नहीं है।
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