जातिवाद पर भागवत ने दिया बड़ा बयान, स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात नहीं बनेगी
punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 12:48 PM (IST)
लखनऊ (अश्वनी सिंह): रामचरितमानस को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच जातीवाद को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा देते हुए कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया। इस पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा कि जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।
जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 5, 2023
आगे लिखा कि यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।
यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 5, 2023
जातिवाद पर क्या बोले मोहन भागवत?
दरअसल, मोहन भागवत ने जातिवाद पर कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया। हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा, या कोई अलग कैसे हो गया?
उन्होंने कहा कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था। देश में विवेक, चेतना सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं। बस मत अलग-अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की। बदलता तो धर्म छोड़ दो। ऐसा बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा कि परिस्थिति को कैसे बदलों, यह बताया है।