पटना-अयोध्या को जलमार्ग से जोड़ने पर बिहार और UP का होगा विकास: तिवारी

punjabkesari.in Saturday, Oct 31, 2020 - 04:59 PM (IST)

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के खड्डा विधान सभा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक जटाशंकर तिवारी ने कहा है कि पटना को अयोध्या से जलमार्ग द्वारा जोड़ने पर बिहार और उत्तर प्रदेश का विकास होगा।

तिवारी ने शनिवार को यहां कहा कि वाल्मीकिनगर-पटना-अयोध्या-वाराणसी जलमार्ग के जरिए जुड़ जाएंगे तो दोनों राज्यों का विकास होगा। उन्होंने कहा कि इस संबध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व संबंधित अन्य मंत्रालय को पत्र भेजा है। प्रस्तावित जलमार्ग गंडक नदी में बनने वाले राष्ट्रीय जलमार्ग से जुड़ेगा। यदि ऐसा संभव हुआ तो वाल्मीकिनगर-पटना-अयोध्या-वाराणसी जलमार्ग के जरिए जुड़ जाएंगे। इससे पर्यटन विकास के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए नया विकल्प मिलेगा। साथ ही पूर्वांचल के अलावा बिहार के पिछड़े इलाके में भी बाढ़ की समस्या का स्थायी निदान संभव हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि गंडक नदी में वाल्मीकिनगर से सोनपुर (बिहार) तक राष्ट्रीय जलमार्ग- 37 प्रस्तावित है। यह जलमार्ग हल्दिया-वाराणसी जलमार्ग से जुड़ेगा। विधायक द्वारा भेजे इस पत्र में पटना से अयोध्या के बीच सरयू नदी में भी राष्ट्रीय जलमार्ग बनाने की मांग है। विधायक ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि पटना-अयोध्या जलमार्ग विकसित होने पर हल्दिया-वाराणसी जलमार्ग व सोनपुर-वाल्मीकिनगर जलमार्ग भी आपस में जुड़ जाएंगे। इस तरह भगवान श्रीराम के नगर अयोध्या और भगवान शिव की नगरी वाराणसी भी जलमार्ग के जरिए जुड़ जाएगी। इस जलमार्ग के विकसित होने पर पूर्वांचल के 20 से अधिक जिले सीधे लाभान्वित होंगे। जलमार्ग निर्माण के लिए नदियों को गहरा किए जाने के चलते यहां बाढ़ की समस्या का भी स्थायी समाधान होगा। 

विधायक के इस पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है। जलशक्ति मंत्रालय ने विधायक को पत्र भेजकर बताया है कि इस मामले में कार्रवाई के लिए केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। विधायक ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के अलावा देवरिया, गोरखपुर, बस्ती समेत सरयू नदी के प्रवाह क्षेत्र वाले सभी सांसदों व विधायकों को भी पत्र लिखकर अयोध्या-पटना जलमार्ग को साकार करने के लिए समर्थन की मांग की है।

विधायक जटाशंकर त्रिपाठी का कहना है कि सभी जनप्रतिनिधियों से वह व्यक्तिगत रूप से मिलकर आग्रह करेंगे कि प्रधानमंत्री व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से मिलकर इस जलमार्ग के निर्माण के लिए मंजूरी दिलाई जाए। 


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Umakant yadav

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