राजनीतिक पार्टी की तरह नहीं, बल्कि ''गिरोह'' की तरह काम कर रही भाजपा: अखिलेश
punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 08:21 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को सत्तारूढ़ दल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक दल की तरह नहीं बल्कि एक गिरोह की तरह काम कर रही है। सपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में यादव ने कहा, ‘‘कानपुर में हत्या, ब्लैकमेलिंग, फर्जी मुठभेड़, जमीन के सौदे और पैसों के लेन-देन जैसे गंभीर मामले सामने आए हैं और अगर इनकी सही तरीके से जांच हो जाए, तो पूरी सरकार बेनकाब हो जाएगी।
उन्होंने दावा किया “यहां तक कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं और मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय में समझौते हो रहे हैं। यह एक नया चलन है, राज्य चलाने का एक नया तरीका है।'' यादव ने कहा कि अगर इन सभी मामलों में कार्रवाई की जाए, तो सरकार का पूरा चेहरा बेनकाब हो जाएगा। अगर सिर्फ़ कानपुर के मामलों की भी सही तरीके से जांच हो जाए, तो यह सरकार की पूरी पोल खोल देगा।'' उन्होंने कहा, “इससे साबित हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक गिरोह है, और यह उसी तरह से काम कर रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश ने कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे के मामले का ज़िक्र किया, जिन पर व्यापारियों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर बलात्कार के फ़र्ज़ी मामले दर्ज करके पैसे ऐंठने का रैकेट चलाने का आरोप है। यादव ने भाजपा सरकार पर राज्य को "संविधान और कानून के बजाय दबाव में" चलाने का आरोप लगाया और कौशाम्बी, गाजीपुर के हालिया मामलों का उदाहरण दिया। इससे पहले अखिलेश ने शोसल मीडिया पर एक पोस्ट में सोमवार को अपने विद्यार्थी जीवन की शैक्षणिक संस्था ‘मिलिट्री स्कूल' के स्थापना के शताब्दी वर्ष की बधाई देते हुए अधिक से अधिक मिलिट्री स्कूल खोले जाने की मांग की।
उन्होंने इस लंबे पोस्ट में कहा, “जहां से हमने सच्चे देश प्रेम, अनुशासन, सौहार्द और संतुलित जीवनशैली के साथ ही जीवन मूल्यों का अमिट पाठ पढ़ा और जिनका व्यक्तिगत से लेकर सार्वजनिक जीवन में सदैव सदुपयोग भी किया, उन सब प्रगतिशील और आज भी सार्थक रूप से सक्रिय संस्कारों के लिए सभी अध्यापकों व प्रशासकों से लेकर कनिष्ठतम कर्मचारियों और सहपाठियों तक के प्रति हृदय से आभार।” सपा प्रमुख ने कहा “आज जबकि देश की सीमाएं अत्यंत संवेदनशील हैं, सीमांत क्षेत्रों में अशांति और अतिक्रमण है, ऐसे में हम और भी अधिक स्थानों पर ‘मिलिट्री स्कूल' खोले जाने की मांग करते हैं