Gyanvapi मामले में ASI सर्वे का आदेश: BJP नेता मोहसिन रजा बोले- मुस्लिम पक्षकारों को आगे आ कर वार्ता करना चाहिए
punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2023 - 12:46 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे का आदेश दिया है। इसे लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई। हाई कोर्ट के फैसले पर जहां एक पक्ष खुश है तो वहीं दूसरा पक्ष मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कर रही है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता मोहसिन रजा एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व के कई मामलों में मुस्लिम पक्ष के लोगों ने कमेटी गठित कर आपसी सहमति से फैसला लिया है। ऐसे में ज्ञानवापी ASI सर्वे को जो आदेश आया है। उससे कई बात सामने निकल कर आएंगी। इससे पहले ही मुस्लिम पक्ष को आगे आकर इस मामले में वार्ता करनी चाहिए। बातचीत से समस्या का हल निकलता है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर रोक की याचिका खारिज
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि एएसआई के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा, लेकिन उसने साथ ही कहा कि सर्वेक्षण के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा कि विवादित परिसर के सर्वेक्षण को लेकर जिला अदालत का आदेश उचित है और इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वांछित नहीं है।
जिला अदालत का सर्वेक्षण का आदेश तत्काल प्रभावी हो-: इलाहाबाद उच्च न्यायालय
उच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं को बताया कि उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि उसके इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है। जैन ने इसे ‘‘बहुत महत्वपूर्ण निर्णय'' बताते हुए कहा कि अंजुमन इंतेजामिया ने दलील दी थी कि इस सर्वेक्षण से ढांचा प्रभावित होगा, लेकिन अदालत ने उन सारी दलीलों को खारिज कर दिया है।
उच्च न्यायालय जाने का मौका नहीं मिला: अंजुमन इंतेजामिया
जैन ने बताया कि अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया की याचिका खारिज कर दी है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व अंजुमन इंतेजामिया की दलील थी कि उसे उच्च न्यायालय जाने का मौका नहीं मिला, इसलिए अदालत ने उसकी दलीलों पर सुनवाई की। जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर जिला अदालत का निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे पूर्व, मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने निर्णय आने तक एएसआई के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी।