BJP सांसद ने की आरिफ और सारस को मिलाने की मांग, कहा- इनका प्रेम निश्छल और पवित्र है
punjabkesari.in Wednesday, Apr 12, 2023 - 01:40 PM (IST)

लखनऊ : प्रदेश में आरिफ़ और सारस की दोस्ती की चर्चाएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यूं कहें तो दोनों के बिछड़ने के बाद सूबे में विपक्ष के पास और कोई मुद्दा ही नहीं बचा है या दिखाई नहीं दे रहा है। पहले लगातार कई दिनों तक सपा मुखिया अखिलेश यादव के ट्वीट में आरिफ़ और सारस के बीच का प्यार अमर रहा। लेकिन अब इस दोस्ती की कहानी को बीजेपी के सांसद ने उजागर किया है और दोनों को मिलाने की मांग भी किया है।
बता दें कि मंगलवार को आरिफ सारस से मिलने के लिए कानपुर के चिड़िया घर में पहुंचे जहां, सारस को रखा गया है। आरिफ को देखते ही सारस के खुशी से झूमने लगा। बंद बाड़े में ही कूद-कूद कर नाचने लगा। इस घटना की वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "एक दूसरे को सामने पा कर इन दोनों दोस्तों की ख़ुशी बता रही है कि इनका प्रेम कितना निश्छल और पवित्र है। यह खूबसूरत जीव स्वच्छंद आकाश में उड़ने के लिए बना है, पिंजरे में रहने के लिये नहीं।उसे उसका आसमान, उसकी आजादी और उसका मित्र वापिस लौटा दीजिए।
क्या राजनीति के भेंट चढ़ी दोनों की दोस्ती?
बताया जा रहा है कि आरिफ और सारस की दोस्ती की खबर वायरल होने से पहले अच्छी चल रही थी। फिर इस दोस्ती की खबर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के मुखिया अखिलेश यादव को मिली। जिसके बाद वह एक दिन आरिफ और सारस से मिलने के लिए चल दिए। दोनों की दोस्ती की कहानी को सच देख अखिलेश बहुत खुश हुए और इस सारस दीदार की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल दिए। जिसके बाद इस अनोखी दोस्ती की कहानी इतना फैल गया कि वन विभाग तक पहुंच गया। कुछ दिनों बाद कानूनी कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम ने दोनों को आखिराकर जुदा कर दिया।
जानिए कैसे हुई दोनों की दोस्ती?
अमेठी के रहने वाले आरिफ एक नीजी चैनल से बताते हैं कि सारस से उनकी दोस्ती अगस्त- 2022 में शुरू हुई थी। आरिफ बताते हैं, "रोज की तरह मैं अपने खेत पर काम करने जा रहा था। तभी मुझे रास्ते में एक बड़ा सा पंख दिखाई दिया। मैं थोड़ा आगे बढ़ा तो बड़ा सा सारस जमीन पर पड़ा हुआ था। पहले मैं उसको देखकर डर गया। पहली बार सारस को सामने से देखा था। इसकी चोंच बहुत बड़ी थी। मुझे डर लग रहा था कि कहीं ये मुझे मार न दे। मैं कुछ देर वहीं पर खड़ा रहा। उसको लगातार देख रहा था। वो हिल भी नहीं पा रहा था। उसके पैर पर चोट थी। खून निकल रहा था। किसी तरह हिम्मत करके मैं उसके पास गया। उसके ऊपर हाथ फेरा तो वो थोड़ा सा मेरी तरफ घूम गया। इसके बाद मैंने सारस को पानी पिलाया। फिर उसको अपने खेत पर ले गया। उसके पैर पर दवा लगाकर पट्टी बांध दी। उसके बाद सारस को खेत पर किनारे लेटा दिया।"
आरिफ आगे कहते हैं, "कुछ देर बाद मैं खाना खाने जा रहा था। तभी मैंने सारस की ओर देखा। मैंने सोचा उसको भी कुछ खिला दूं लेकिन डर था कहीं वो चोंच मार न दे। तभी मैंने उसको दूर से रोटी फेंक कर दे दी। जो उसने खा ली। उसके बाद एक रोटी और दे दी। जब मैं घर जाने लगा तो छोटे भाई को बुला लिया। उसके साथ मिलकर सारस को घर ले गया।
वहां उसको घर के अंदर बिस्तर पर रखा। रात में फिर से खाना खिलाया। ऐसा लगभग डेढ़ महीने तक मैं करता रहा। घर की देसी दवाई से उसका पैर धीरे-धीरे ठीक हो गया। वो अब अपने पैरों पर चलने लगा था। मेरा डर भी अब खत्म हो चुका था। घर के दूसरे लोग भी उससे डरा नहीं करते थे। सारस के ठीक होने पर मैंने सोचा अब वो उड़ जाएगा।"
"लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मैंने कभी देखा नहीं था कि किसी ने घर पर सारस को पाल रखा हो। फिल्मों में भी ऐसा नहीं देखा है। सब लोग घर पर कुत्ता, बिल्ली, बंदर, तोता यही सब पालते हैं। इसलिए मैंने भी इसको पालने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन मेरा दोस्त सारस खुद ही मेरे पास रहने लगा। मुझे भी उससे इतना ज्यादा लगाव हो गया कि मैंने भी उसको घर पर रख लिया। 7 महीने से हम लोग साथ थे, पता नहीं था इस तरह से अलग होंगे।"