BJP सांसद संघमित्रा मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष की दो टूक, बोले- तय कर ले कि उन्हें पार्टी के साथ रहना है या पिता के साथ

punjabkesari.in Tuesday, Jan 31, 2023 - 12:59 PM (IST)

लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान का असर अब दिखने लगा हैं। अब तक सिर्फ मौर्य के खिलाफ हमलावर रहने वाली BJP ने पिता का बचाव करने के कारण बदायूं से सांसद व स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा को अल्टीमेटम दे दिया हैं। रविवार को पार्टी के समीक्षा बैठक में शामिल होने के लिए हरदोई पहुंचे BJP प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब संघमित्रा मौर्य को तय करना है कि उन्हें पार्टी या पिता किसके साथ रहना है। अगर वह जल्द ही कोई निर्णय नहीं लेती हैं तो फिर पार्टी निर्णय लेगी।  

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BJP प्रदेश अध्यक्ष ने दी चेतावनी
रामचरितमानस विवाद के बीच संघमित्रा मौर्य को लेकर अब यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्हें भाजपा सांसद होने के नाते अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि संघमित्रा मौर्य को तय करना है कि वह अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ रहेंगी या बीजेपी की विचारधारा के साथ जुड़ी रहेंगी। बदायूं से भाजपा की सांसद संघमित्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उनके पिता ने श्रीरामचरितमानस की जिस चौपाई का जिक्र करते हुए उसे आपत्तिजनक बताया है। उस पर विद्वानों के साथ चर्चा की जानी चाहिए।

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स्वामी प्रसाद मौर्य पर बोला हमला
प्रदेश अध्यक्ष ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला करते हुए कहा कि उनकी कोई विचारधारा नहीं हैं। वह सिर्फ अपने स्वार्थ की पूर्ती के लिए किसी भी दल में आते जाते रहते हैं। आप लोगों ने भी देखा कि कैसे वह जब BJP में आए तो राम नाम जपते रहे और जब 5 साल सत्ता में रहने के बाद उन्हें लगा कि वह आगामी चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर पाएंगे तो दूसरे पार्टी में चले गए। ऐसे लोग किसी का भला नहीं सोच सकते सिर्फ अपने स्वार्थ के पूर्ती के लिए दल बदलते रहते हैं। जहां तक बात उनकी पिछड़ी जातियों के वोट पर पकड़ की है तो पिछले विधानसभा में सबने देखा था कि उनकी कितनी पकड़ है। देश व प्रदेश का पिछड़ा वर्ग अब मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्हें भी पता है कि उनका विकास सिर्फ BJP में ही हो सकता हैं।

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बदायूं से BJP के टिकट पर जीती थी संघमित्रा
आपको बता दें कि संघमित्रा मौर्य ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले बदायूं लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और सपा प्रमुख के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हराया था। इस सीट पर यादव वोटर के अलावा कुशवाहा समाज की भी अच्छी पकड़ हैं। इस चुनाव में संघमित्रा को 5 लाख 11 हजार 352 वोट मिले थे। वहीं धर्मेंद्र यादव को 4 लाख 92 हजार 898 वोट मिला था।  

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संघमित्रा ने विवाद से बनाई दूरी
वहीं अब इस पूरे मामले को बढ़ता देख बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने रामचरितमानस पर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से  किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा है कि मैं चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं और यह सुनिश्चित कर रही हूं कि मेरी पार्टी दोबारा सत्ता में वापस आए। यह समय चुनाव के अलावा अन्य मुद्दों पर बोलने का नहीं है।   


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Content Editor

Prashant Tiwari

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