स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल करने पर BJP ने सपा पर किया कटाक्ष, कहा- अखिलेश यादव हिन्दू विरोधी हैं

punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2023 - 06:10 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की। इसे लेकर राजनीतिक बयान बाजी शुरू हो गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मौर्य को भी कार्यकारिणी में शामिल किया है। इसे लेकर BJP के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने अखिलेश यादव पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया है। प्रवक्ता ने कहा कि रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बावजूद भी समाजवादी पार्टी ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखा रही है बल्कि उनके मनोबल को बढ़ा रही है। इससे साफ होता है कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव हिन्दू विरोधी है।

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'अखिलेश यादव का हिंदू विरोधी और जातिवादी चेहरा सामने आया है'
 BJP के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के महासचिव बनाए जाने तंज कसते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद को रामचरितमानस के अपमान का पुरस्कार मिला है। समाजवादी पार्टी चाहती है कि UP में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े। उन्होंने आगे कहा कि सपा UP में जातीय संघर्ष उत्पन्न करना चाहती है, लेकिन सपा अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का हिंदू विरोधी और जातिवादी चेहरा सामने आया है।

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विवादित बयान के बाद भी स्‍वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश ने दिया महत्व
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पिछले वर्ष के आखिरी महीने में मैनपुरी में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया और चुनाव में सपा की भारी जीत के बाद उन्होंने सपा का झंडा थाम लिया। उन्होंने 2018 में अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के बीच नजदीक होने के बाद शिवपाल ने सपा के ही निशान पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जसवंत नगर से विधायक बनने के बाद फिर से अखिलेश यादव से उनकी दूरी हो गयी थी। मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव से अखिलेश यादव मैनपुरी उपचुनाव में चौथी बार मतभेद दूर कर एक हुए थे और तबसे चाचा-भतीजा के रिश्ते मजबूत हुए हैं। सपा की कार्यकारिणी में राम चरित मानस पर विवादित बयान देने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य को भी राष्‍ट्रीय महासचिव के रूप में महत्व मिला है।


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Content Editor

Harman Kaur

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