BLGF के सीईओ Mark Suzman बोले- UP में कोविड प्रबंधन अमेरिका से कहीं बेहतर
punjabkesari.in Thursday, Jun 09, 2022 - 03:14 PM (IST)

लखनऊ: बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएलजीएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क्स सुजमैन ने गुरूवार को कहा कि भारत खासकर उत्तर प्रदेश का कोविड प्रबंधन अमेरिका के कोविड मैनेजमेंट से कहीं बेहतर रहा है। बीएलजीएफ के एक प्रतिनिधि मंडल ने यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनसे स्वास्थ्य, पोषण और कृषि के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा की। सुजमैन ने कहा कि वह बहुत सारे देशों में कार्य करते हैं। सभी देशों के कोविड प्रबंधन को देखा है और यह कहना उचित होगा कि भारत खासकर उत्तर प्रदेश का कोविड प्रबंधन अमेरिका के कोविड मैनेजमेंट से कहीं बेहतर रहा। यूपी की सघन जनसंख्या घनत्व और विविध सामाजिक चुनौतियों का सामना यहां के नेतृत्व ने जिस प्रकार किया वह अत्यन्त सराहनीय है।
इस अवसर पर योगी ने स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बीएलजीएफ के योगदान की सराहना करते हुये कहा कि प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनता तक पहुंचाने और प्रभावी बनाने में बीएलजीएफ का सदैव सहयोग मिलता है। हाल के वर्षों में कृषि क्षेत्र में भी बीएलजीएफ की ओर से टेक्निकल सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने कहा कि एनएफएचएस-5 के नतीजे बताते हैं कि स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। कई मानकों पर तो हमारा प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। इस कार्य में भी हमें बीएलजीएफ का सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान उत्तर प्रदेश में फाउंडेशन का सहयोग मिला है। टेस्टिंग किट उपलब्ध कराना हो, या नोएडा, गोंडा और प्रयागराज में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तैयार करना हो, हर समय बीएलजीएफ का रचनात्मक सहयोग मिला है। हम इसके लिए फाउंडेशन के प्रति आभारी हैं। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। 40 साल से मासूम बच्चों के असमय काल कवलित होने के कारण बनी रही इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से मृत्यु को 95 फीसदी तक नियंत्रित कर लिया गया है।
हालांकि स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। हम एक जिला एक उत्पाद योजना की तर्ज पर एक जिला एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रहे हैं। इससे चिकित्सकों की उपलब्धता तो पर्याप्त हो जाएगी, लेकिन हमारे पास दक्ष नर्सिंग/पैरामेडिक्स की उपलब्धता बड़ी चुनौती है। योग्य, और कुशल, प्रोफेशनल नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिक्स तैयार करने के लिए फाउंडेशन हमें सहयोग कर सकता है। इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ाया जाना चाहिए।