2024 के चुनाव में जुटी BSP अब गांवों में कैंप लगा बनाएगी कार्यकर्ता, कांशीराम के कैडर कैंप तर्ज पर होगा आधारित
punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2023 - 12:49 PM (IST)

लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : 11 साल पहले उत्तर प्रदेश की सत्ता खो चुकी बहुजन समाज पार्टी आने वाले लोकसभा 2024 के चुनाव में अपनी पार्टी को जिताने व लोगों के बीच अपने घटते जनाधार को बढ़ाने के लिए अब कैडर कैंप लगाएगी। जिससे वह लोगों के बीच अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत कर सकें। BSP का यह कैडर मिशन उसके संस्थापक कांशीराम के कैडर कैंप के तर्ज पर आधारित होगा।
बसपा में है सबका सम्मान
आपको बता दें कि BSP के इस कैडर कैंप में पार्टी प्रदेश के गांवों में जाएगी और वहां लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम करेगी। इस अभियान के तहत पार्टी बिना शोर शराबे व बिना किसी दिखावे के गांव में कैंप लगाएगी। कैंप में न मंच बनेगा न तो कुर्सी लगेगी। हर कोई ज़मीन पर बैठेगा और लोगों को BSP में है सबका सम्मान का संदेश देगा। जिससे लोगों को मन में पार्टी के प्रति लगाव बढें।
साल दर साल घटता गया जनाधार व सीटें
राज्य में 4 बार सरकार बनाने वाली BSP पिछले 11 साल से राज्य के सत्ता से बाहर होने के साथ ही धीरे-धीरे अपना जनाधार खोती जा रही है। 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 206 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली BSP 2012 में 80 सीटों पर सिमट गई। सबसे ज्यादा नुकसान पार्टी का 2014 के लोकसभा चुनाव में हुआ था। जब पार्टी मोदी लहर में 80 में से 80 लोकसभा सीट हार गई। उस चुनाव में बसपा का खाता तक नहीं खुला था। जिसके बाद 2017 में राज्य की सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाई BSP को जोरदार झटका तब लगा जब पार्टी 403 विधायकों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में महज 19 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। इसके बाद पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने चिर प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा और उसमें भी पार्टी को BJP से मुंह की खानी पड़ी और गठबंधन के बावजूद BSP सिर्फ 10 लोकसभा की सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। जिसके बाद पार्टी ने सपा से अपना गठबंधन तोड़ते हुए 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा और पार्टी इतिहास की सबसे बड़ी हार को झेला। इस चुनाव में पार्टी 403 विधानसभा सीटों पर लड़ी और सिर्फ 1 सीट पर जीत दर्ज कर पाई।
2024 का अकेले चुनाव लड़ने का किया है ऐलान
15 जनवरी 2023 को लखनऊ में अपने जन्मदिन के अवसर पर मीडिया से बात करते हुए BSP प्रमुख मायावती ने यह ऐलान किया था कि आगामी चुनाव में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। वह राज्य में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इसका बड़ा कारण ये है कि गठबंधन के बाद BSP का वोट तो दूसरे दल को मिलता है लेकिन दूसरे दल का वोट पार्टी को नहीं मिलता हैं। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव में अभी से तैयारियों में जुट जाने के लिए कहा।