UP का एक ऐसा अनोखा गांव जहां दुल्हन की नहीं होती विदाई, दूल्हा हमेशा के लिए बन जाता है घर जमाई
punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 05:40 PM (IST)

कौशांबी (कुलदीप द्विवेदी) : यूं तो अपना देश विविधताओं का देश है। जहां जगह-जगह पर तरह-तरह की भाषाएं तरह-तरह की वेशभूषा और मान्यताएं देखने व सुनने को मिलती, किंतु उत्तर प्रदेश के कौशांबी का एक ऐसा गांव जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। भले 2014 में बीजेपी सरकार बनने के बाद बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया गया हो, किंतु इस गांव के बुजुर्ग महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर काफी संजीदा थे। जिसके चलते उन्होंने यह नियम बना डाला कि वह अपनी बेटी की शादी उसी से करेंगे जो की उनके साथ उनके गांव में रह सके। इस मुहिम के चलते आज जहां उस गांव का नाम दामादों का पूरा पड़ा है। वही लोगों की माने तो तकरीबन 40 से 50 दामाद उस गांव में रहते हैं।
कौशांबी के जिला मुख्यालय से तकरीबन 12 किलोमीटर दूर बसे करारी कस्बे का किंग नगर मोहल्ला जिसे लोग दामादों के पूरा के नाम से जानते हैं। इस नाम के पीछे की जब पड़ताल की गई तो लोगों का कहना था कि महिलाओं को लेकर चाहे वह दहेज प्रथा हो, दहेज को लेकर उत्पीड़न हो, भ्रूण हत्या हो, ऐसे तमाम अपराध जो कि समाज में व्याप्त थे। जिससे अपनी बेटियों को बचाने के लिए बुजुर्गों ने यह अनोखी मुहिम चलाई थी ताकि उनकी बेटी दामाद के साथ उनके सामने उनके साथ रहे और किसी भी उत्पीड़न का शिकार ना हो सके। स्थानीय लोगों की माने दो शादी करने के बाद दामाद को अगर बेरोजगार है तो बाकायदा रोजगार भी मुहैया कराया जाता है। लोगों का कहना था कि दशकों पहले शुरू हुई इस मुहिम के चलते आज तकरीबन 50 ऐसे परिवार उस गांव में निवास करते हैं, जिनके मुखिया शादी के बाद घर जमाई बन गए और अपनी ससुराल में ही रहने लगे।