बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार की तारीफ करने पर दी सफाई, जानिए क्या-क्या कहा?

punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 04:42 PM (IST)

लखनऊ: योगी सरकार की तारीफ करके सपा और कांग्रेस के निशाने पर आई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अब पलटवार किया है। उन्होंने तीखा निशाना लगाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के चरित्र में ‘राजनीतिक ईमानदारी का अभाव' है और केवल बसपा ही हाशिए पर पड़े समुदायों की भलाई और उनके संवैधानिक अधिकारों के लिए ईमानदारी से समर्पित है।

ये बोलीं मायावती 
बसपा नेता ने कांशीराम जी की 19वीं पुण्यतिथि के अवसर पर नौ अक्टूबर को लखनऊ में विशाल राज्य स्तरीय आयोजन की ‘ऐतिहासिक सफलता' के लिये उत्तर प्रदेश के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं आदि को हार्दिक बधाई दी। इस विशाल आयोजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न ट्रेन, निजी बसों, छोटे वाहनों और यहां तक कि पैदल आए लाखों लोगों की ऐतिहासिक भीड़ ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। मायावती ने कहा, ‘‘हालांकि, प्रतिद्वंद्वी दलों के नेता, जो आमतौर पर रैलियों के लिए भीड़ इकट्ठा करते हैं, ने यह आरोप लगाकर तुच्छ राजनीति की कि इस आयोजन के लिए सरकारी बसों का इंतजाम किया गया था, जिससे उनकी हताशा जाहिर होती है।''

पूर्ववर्ती सपा सरकार की आलोचना की 
पूर्व मुख्यमंत्री ने बसपा की उस लिखित मांग को स्वीकार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति आभार भी व्यक्त किया जिसमें कहा गया था कि बसपा शासन के दौरान निर्मित और लखनऊ में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित स्मारकों और पार्कों की टिकटों की बिक्री से प्राप्त राजस्व का उपयोग उनके रखरखाव के लिए किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘यह बसपा की राजनीतिक ईमानदारी और सद्भावना को दर्शाता है, ऐसे मूल्य जिनकी समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस जैसी पार्टियां कद्र नहीं कर सकतीं क्योंकि राजनीतिक ईमानदारी उनके चरित्र का हिस्सा ही नहीं है।" उन्होंने पूर्ववर्ती सपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसकी ‘जातिवादी मानसिकता' के कारण ही उसने बसपा सरकार के दौरान बनाए गए स्मारकों की उपेक्षा की और बहुजन समुदाय के महान संतों, गुरुओं और समाज सुधारकों के सम्मान में स्थापित कई नए जिलों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों के नाम बदल दिए।

'रिश्वतखोरी बसपा के चरित्र का हिस्सा नहीं है'
मायावती ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने ऐसा ना किया होता और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अप्रभावी ना बनाया होता, तो शायद उनका नाम इतिहास के काले पन्नों में दर्ज होने से बच जाता, ठीक दो जून, 1995 के कुख्यात ‘राज्य अतिथि गृह कांड' की तरह। लेकिन आज भी उनमें पश्चाताप की कमी है, आज भी वे राजनीतिक द्वेष, छल और बेईमानी के अलावा और कुछ नहीं दर्शाते।'' बयान के मुताबिक, मायावती ने कहा कि रिश्वतखोरी, छल-कपट, हेराफेरी और गुप्त मिलीभगत जैसे हथकंडे अपनाना बसपा के चरित्र का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी राजनीति एक खुली किताब की तरह है, स्वच्छ, पारदर्शी और ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध।'' उन्होंने कहा कि बसपा नीले आसमान तले खुली और ईमानदार राजनीति में विश्वास रखती है, चाहे वह समर्थन में हो या विरोध में। 


 


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Content Editor

Pooja Gill

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