मेरठ को 'मिनी पाकिस्तान' कहना अपमानजनक… चंद्रशेखर आज़ाद के निशाने पर रामभद्राचार्य, कहा- ‘जिस संत के पास आंखें नहीं, सोचिए उसके पाप...’
punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 12:20 AM (IST)

Bareilly News: मेरठ में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा दिए गए ‘मिनी पाकिस्तान’ वाले विवादित बयान पर अब राजनीतिक घमासान और तेज हो गया है। बुधवार को बरेली में आयोजित ‘अस्तित्व बचाओ–भाईचारा बनाओ’ सम्मेलन में नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
चंद्रशेखर का कथावाचक पर तीखा प्रहार
बिना नाम लिए चंद्रशेखर ने कथावाचक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "जिस व्यक्ति की आंखें नहीं, सोचिए उसके कितने पाप रहे होंगे।" उन्होंने इसे धार्मिक और सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने वाला बयान बताया। चंद्रशेखर ने कहा कि "ऐसे व्यक्ति से लोग ज्ञान ले रहे हैं, यह समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।"
मेरठ को बताया आंदोलन की धरती
चंद्रशेखर ने मेरठ को 1857 की क्रांति और किसान आंदोलन की धरती बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहना निंदनीय है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर एक कथावाचक को इस तरह की बयानबाज़ी की जरूरत क्यों पड़ी?
सम्मेलन में उठे प्रमुख मुद्दे:
1. जातिगत जनगणना की मांग
उन्होंने कहा कि 1931 के बाद अब तक संपूर्ण जातिगत जनगणना नहीं हुई है, जिससे बहुजन समाज के वास्तविक आंकड़े सामने नहीं आ पाए। यह सामाजिक न्याय के खिलाफ एक सुनियोजित चुप्पी है।
2. आरक्षण और संविधान की रक्षा
चंद्रशेखर ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था संविधान और आरक्षण को कमजोर करने में लगी है। ऐसे में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए समाज को जागरूक और संगठित रहना होगा।
3. EVM पर सवाल
उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में EVM के इस्तेमाल पर संदेह जताते हुए कहा कि इससे लोकतंत्र की पारदर्शिता को खतरा है और जनविश्वास कमजोर हुआ है।
4. मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
चंद्रशेखर ने कहा कि आज मुस्लिम समुदाय के मस्जिद, कब्रिस्तान और व्यवसाय तक असुरक्षित हो गए हैं। यह सरकार की संवेदनहीनता और निष्क्रियता को दर्शाता है।
5. प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग
सरकारी क्षेत्र के निजीकरण से आरक्षण के अवसर सीमित हो रहे हैं। चंद्रशेखर ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने की मांग दोहराई।
रामभद्राचार्य के बयान का क्या है मामला?
8 से 14 सितंबर तक मेरठ में चली रामकथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कथित रूप से कहा था कि "पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाकर ऐसा लगता है जैसे मिनी पाकिस्तान में आ गए हों।" इस बयान के बाद धार्मिक और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। चंद्रशेखर ने इस बयान को "संवेदनशीलता और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ" बताते हुए कहा कि "कोई संत समाज को जोड़ने का कार्य करता है, न कि तोड़ने का।"