अपनी मातृभूमि के लिए खून दे सकते हैं ... ''वंदे मातरम'' नहीं कह सकते...  मुसलमान अल्लाह के सिवा किसी की इबादत नहीं कर सकता: पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन

punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 10:42 AM (IST)

लखनऊ: वंदे मातरम' के 150 वें वर्षगांठ के मौके पर देश और प्रदेश में कई तहर के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।  वंदे मातरम' गीत के रचयिता ‘‘बंकिम चंद्र चटर्जी  को श्रद्धांजलि भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुसलमान अपनी मातृभूमि के लिए जान, खून और तन-मन-धन कुर्बान कर सकते हैं, लेकिन गाने को 'पूजा' मानते हुए इसे नहीं गा सकते. डॉ हसन ने वंदे मातरम को 'जमीन की पूजा' बताते हुए कहा कि मुसलमान सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं, न कि किसी अन्य चीज की। उन्होंने कहा कि पूजा उसी की की जाती है जिसने इंसान को पैदा किया है, जो सबका मालिक है, खालिक है और पालनहार है इसलिए हम वंदे मातरम नहीं गा सकते, क्योंकि वो जमीन की पूजा है।

बता दें कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो गए हैं इससे पहले इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में वर्ष भर चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मोदी-योगी की‘सबका साथ सबका विकास नीतियों से जनता का पार्टी के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है, तथा आगामी चुनावों में भाजपा की जीत निश्चित है।

वंदे मातरम गीत प्रत्येक भारतीय के हृदय में नई ऊर्जा और एकता का संचार करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुरादाबाद समेत मेरठ , गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, बरेली ,शाहजहांपुर , मथुरा, झांसी, अयोध्या, प्रयागराज , आगरा, अलीगढ़, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, फिरोजाबाद आदि स्थानों पर हो रहे हैं। आगामी आठ नवंबर से 15 नवंबर तक सभी जिला मुख्यालयों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


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Ramkesh

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