कफ सिरप तस्करी में सियासी एंगल! ED जांच में सपा के पूर्व विधायक का सनसनीखेज कनेक्शन—लेनदेन के चौंकाने वाले सबूत, अब नोटिस तय?

punjabkesari.in Monday, Dec 29, 2025 - 10:08 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेज हो गई है। जांच के दौरान जौनपुर के एक पूर्व समाजवादी पार्टी विधायक का नाम सामने आया है। जांच में यह पता चला है कि उनके नाम पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दवा फर्मों के खातों से वित्तीय लेन-देन किया गया।

सिंडिकेट का नेटवर्क और मुख्य आरोपी
जांच एजेंसियों के अनुसार, इस सिंडिकेट के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के साथ जुड़े बर्खास्त पुलिसकर्मी आलोक सिंह और अमित सिंह उर्फ अमित टाटा से पूछताछ के दौरान यह कनेक्शन उजागर हुआ। सिंडिकेट ने फर्जी बिलिंग और जाली लाइसेंस के जरिए लाखों बोतलों की कोडीन युक्त कफ सिरप की आपूर्ति की, जिसका इस्तेमाल नशीले पदार्थ के रूप में होता था। यह नेटवर्क उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लेकर पड़ोसी राज्यों और बांग्लादेश तक फैला हुआ था।

जल्द जारी हो सकता है नोटिस
ईडी सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधायक के नाम से जुड़े लेन-देन की जांच की जा रही है। आशंका है कि सिंडिकेट को फंडिंग या सप्लाई चेन में सहयोग देने के बदले रकम का लेन-देन हुआ हो सकता है। फिलहाल पूर्व विधायक के खिलाफ कोई औपचारिक आरोप नहीं लगाया गया है, लेकिन जांच को मजबूत करने के बाद ईडी उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है।

फंडिंग और संपत्तियों की जांच
ईडी की टीम ने हाल ही में लखनऊ, वाराणसी और जौनपुर समेत कई स्थानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। सिंडिकेट के जरिए करोड़ों रुपए की अवैध कमाई को शेल कंपनियों, हवाला और बेनामी संपत्तियों के माध्यम से सफेद करने का प्रयास किया गया। आलोक सिंह की लखनऊ में आलीशान कोठी और अन्य संपत्तियों की जांच से फंडिंग के स्रोत का पता लगाने की कोशिश जारी है।

जब्ती और कानूनी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) द्वारा दर्ज दर्जनों मुकदमों में अब तक 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। सिंडिकेट के सदस्यों ने फर्जी फर्म खोलकर वैध सप्लाई दिखाने का खेल खेला, जबकि असल में दवाएं नशे के बाजार में पहुंचाई जा रही थीं। ईडी अब आलोक सिंह और अमित टाटा से पूर्व विधायक के संबंधों और संभावित वित्तीय सहयोग के बारे में विस्तृत पूछताछ करेगी। जांच एजेंसी का कहना है कि सबूतों को और पुख्ता करने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। यह मामला राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन चुका है, जहां सत्ताधारी और विपक्षी दल एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।


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Content Editor

Anil Kapoor

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