यूपी में हर एनकाउंटर पर काउंटर: बिकास दुबे पर ब्राम्हण...असद पर मुस्लिम तो मंगेश पर यादव नाराज, 7 साल में मारे गए 183 अपराधियों के जातीय आंकड़े

punjabkesari.in Saturday, Sep 21, 2024 - 02:04 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हर एनकाउंटर पर बवाल खड़ा हो रहा है। वह खुखार अपराधी विकास दुबे हो, उमेश पाल का हत्यारा अतीक के बेटे असद हो या डकैत मंगेश यादव हो। इन सब के एनकाउंटर के बाद केवल उनकी जाति या उनके वोट बैंक पर राजनीति करने वाले नेताओं की तरफ से राजनीति की गई है। लेकिन इन सभी अपराधियों पर कार्रवाई क्यों की गई इस पर पर्दा डाल दिया गया है। 

बिकरू कांड पर ब्राह्मण उत्पीड़न 
आप सबको याद होगा कि तीन जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में दूर्दांत अपराधी विकास दुबे ने किस तरह से 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। जब पुलिस ने कार्रवाई किया था तब भी विपक्ष ने इस मामले में ब्राह्मण जाति के उत्पीड़न से जोड़कर पेश किया था। विकास दुबे के गलत तरीके से एनकाउंटर का सवाल उठाया था। उस समस विकास दुबे के बिकरू में पुलिसकर्मियों को घेरकर मौत के घाट उतारे जाने के मसले को दबा दिया गया। 
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अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर पर मुस्लिम का उत्पीड़न
प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को जिस प्रकार से अतीक के बेटे असद ने अपने साथियों के साथ मिलकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाया था और राजू पाल के गवाह उमेश पाल की हत्या की थी। वहीं जब पुलिस कार्रवाई की और असद एनकाउंटर में मारा गया तो पूरे प्रदेश में चर्चा थी तो बस यह कि एक मुस्लिम होने की सजा मिली है, पुलिस इसलिए फेक एनकाउंटर की की वह मुस्लिम था। विपक्ष भी इस मुद्दे को जोरों शोरों के साथ उछाला था, लेकिन यहां भी दिन दहाड़े की गई हत्या, गोलीबारी और बमबारी को ढक दिया गया। 
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अब मंगेश पर यादव उत्पीड़न 
इस बार भी विपक्ष कुछ अलग-नहीं की है, वहीं पुराने दांव और पैतरे आजमा रही है। हाल ही में सुल्तानपुर में दिन दहाड़े बंदूक के दम पर डकैती हुई जिसका वीडियो वायरल होते ही पुलिस प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े होने लगे। जब पुलिस ने इस मामले की छानबीन की तो 5 आरोपियों की शिनाख्त हुई जिसमें 4 को पैर में गोली लगी और एक आरोपी मंगेश जो की मुठभेड़ में मारा गया। अब उसको लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव से लेकर पूरा यादव समाज और विपक्ष के लोग सवाल खड़ा कर दिए कि योगी सरकार जाति देखकर एकनकाउंटर करवा रही है। 
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2017 से अगस्त 2024 तक हुए एनकाउंटर के आंकड़ें
अब बात अगर उत्तर प्रदेश में मारे गए अपराधियों के जातीय आंकड़ों की करें तो मार्च 2017 से अप्रैल 2023 तक उत्तर प्रदेश में कुल 183 अपराधी मारे गए. मारे गए इन 183 अपराधियों में- 61 मुस्लिम, 18 ब्राह्मण, 16 ठाकुर, 15 जाट और गुर्जर, 14 यादव, 13 दलित, 3 ट्राइब्स, 2 सिख, 7 ओबीसी, 34 अन्य शामिल हैं. 

इन 16 महीनों में मारे गए अपराधियों की लिस्ट 

 1 जाट- अनिल नागर उर्फ़ अनिल दुजाना

3 मुस्लिम- गुफरान, राशिद कालिया, शाहनूर उर्फ़ शानू

1 ब्राह्मण- विनोद उपाध्याय

2 ठाकुर- सुमित कुमार सिंह उर्फ मोनू चवन्नी और निलेश कुमार

2 यादव- पंकज यादव और मंगेश यादव 

CM योगी के निर्देश पर आपराधियों पर कार्रवाई 
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पिछले 7 सालों में लगातार माफिया और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई में एनकाउंटर पॉलिसी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मार्च 2017 से अगस्त 2024 तक यूपी में हुए पुलिस एनकाउंटर में 207 अपराधियों को मार गिराया गया है। वहीं, यूपी एसटीएफ ने मई 2023 से 5 सितंबर 2024 तक एनकाउंटर में 9 अपराधियों को ढेर किया है। अगर उनकी जाति को देखा जाए तो आपको इसमें एकरूपता नजर नहीं आएगी।

यूपी एसटीएफ की ओर से पिछले 16 महीना में मारे गए 9 अपराधियों में एक जाट, तीन मुस्लिम, एक ब्राह्मण, दो राजपूत और दो यादव जाति के अपराधी शामिल हैं। यूपीएसटीएफ की ओर से जाट जाति के अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना का एनकाउंटर किया गया। वहीं, ब्राह्मण विनोद उपाध्याय भी यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर में मारा गया। मुस्लिम समाज से आने वाले अपराधी गुफरान, राशिद कालिया, शाहनूर उर्फ शानू का एनकाउंटर यूपी एसटीएफ ने किया।


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Imran

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