चंबल की ‘दस्यु सुंदरी’ कुसुमा नाइन की मौत, कुख्यात डकैत ने PGI में ली अंतिम सांस; कभी 15 मल्लाहों को एक साथ मारी थी गोली
punjabkesari.in Sunday, Mar 02, 2025 - 09:56 PM (IST)
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Etawah News, (अरवीन): उत्तर प्रदेश के इटावा के बीहड़ में अपने आतंक से लोगों के दिलों में दहशत फैलाने वाली कुख्यात ‘दस्यु सुंदरी’ कुसुमा नाइन की इलाज के दौरान पीजीआई में मौत हो गईं। कुशमा लंबे समय से टीवी की बीमारी से जूझ रही थी।
पीजीआई में डकैत ने ली आखिरी सांस
इटावा के बीहड़ में अपने नाम से लोगों की दिलों में दहशत करने वाली डकैत कुसुमा नाइन का अंत हो गया। उन्होंने लखनऊ पीजीआई में आखिरी सांस ली। बताते चलें कि कुसुमा नाइन सन 2004 से इटावा की जिला कारागार में अपनी आजीवन कारावास की सजा काट रही थी। 31 जनवरी 2025 की रात में उनकी अचानक से तबीयत खराब हुई जिसके बाद उनको तुरंत सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया जहां पर उनकी हालत को गंभीर देखते हुए 2 फरवरी 2025 को केजीएमयू लखनऊ में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने आज आखिरी सांस ली। बताया गया कि डकैत कुसुमा नाइन टीबी की बीमारी से जूझ रही थी।
कुसुमा ने एक साथ मारे थे 15 मछुआरे
कुसुमा नाइन जालौन जिले के सिरसा कालर स्थित टिकरी गांव की रहने वाली थी। उन्होंने फूलन देवी के विरोधी लालाराम से 1984 में हाथ मिलाया और उसके बाद औरैया के अस्ता गांव में पहुंची जहां उन्होंने एक साथ 15 मछुआरों को गोली मारकर मौत की घाट उतार दिया। तो वहीं उनके घर को आग के हवाले कर दिया। वहीं 1996 में इटावा के भरेह इलाके में पहुंच कर दो मछुआरे संतोष और राजबहादुर को आंखों से अंधा कर दिया था और उनकी जान बख्श दी थी। जून 2004 में कुसमा नाइन ने प्रदेश की भिंड पुलिस को आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद उनको इटावा की जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा मिली थी। 2004 से कुसुमा नाइन अपनी सजा काट रही थी लेकिन उनकी आज लखनऊ पीजीआई में मौत हो गई।