जानकी धाम के मुख्य महंत और नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने राम मंदिर ट्रस्ट को सौपी शिलाएं, इनसे बनेंगी श्रीराम की मूर्ति

punjabkesari.in Thursday, Feb 02, 2023 - 02:46 PM (IST)

अयोध्या (संजीव आजाद) : अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में लगने वाले प्रभु राम की मूर्ती को बनाने वाला पवित्र शालिग्राम पत्थर बुधवार की रात को अयोध्या पहुंच गई। जिसके बाद आज पूरे विधि विधान से पूजा पाठ के बाद जानकी मंदिर के मुख्य महंत व नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री विमलेंद्र निधि ने पत्थरों को राम मंदिर के ट्रस्टी चंपत राय को सौंप दी। राम मंदिर ट्रस्ट को यह पत्थर नेपाल सरकार व वहां के लोगों ने दान स्वरूप दी हैं।  

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बुधवार रात को पहुंची शिला
आपको बता दें कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में लगने वाले प्रभु राम की मूर्ति को बनाने वाला पवित्र शालिग्राम पत्थर बुधवार की रात को अयोध्या पहुंच गई। नेपाल से बिहार होते हुए देवशिला अयोध्या की राम कारसेवक पहुंच चुकी। जिन रास्तों से यह देवशिला लाई गई हैं। उन्हीं रास्तों से त्रेतायुग में भगवान श्रीराम जनकपुर गए थे। इसलिए लोगों ने दो शिलाओं में से बड़ी को श्री राम मान लिया तो छोटी को माता सीता। दृश्य ऐसा था मानो माता सीता की विदाई हो रही हो।

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अयोध्या वासियों ने किया भव्य स्वागत
बता दें कि बुधवार की देर रात नेपाल के जनकपुर से बिहार होते हुए जगह-जगह स्वागत के बीच देव शिलाएं अयोध्या पहुंची। जहां पर ट्रस्ट के लोगों सहित अयोध्या वासियों ने भव्य स्वागत किया और फिर गुरुवार की सुबह वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा पाठ के बाद जानकी मंदिर के मुख्य महंत व नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री विमलेंद्र निधि ने शिलाओं को राम मंदिर के ट्रस्टी चंपत राय को सौंप दी गई। अब इसके बाद ट्रस्ट मूर्तिकारों की सहमत के बाद यह निर्णय करेगा कि इन मूर्तियों से रामलला की मूर्ति बनाई जाए या नहीं।

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लोगों में था उत्साह
जब से लोगों को पता चला कि पवित्र शिलाओं से प्रभु श्रीराम व माता सीता की भव्य मूर्ति बनेगी दोनों देशों के लोगों में इसे देखने के लिए भारी उत्साह था। पवित्र शिलाएं जिन जिलों से होकर आई हैं। वहां के लोगों में इसे देखने, स्पर्श करने का गजब उत्साह दिखा। नेपाल से भारत में प्रवेश करते समय देशों की सीमाएं टूट गई। नेपाल और भारत दोनों तरफ के लोग ऐसे मिल गए जैसे माता सीता की विदाई हो रही हो। कहीं करुण क्रंदन था तो कहीं अश्रु भरी आंखें इन शिलाओ को निहार रही थी। नेपाल से अयोध्या के लंबे सफर को तय करने के बाद भी यहां पहुंचे लोगों में उत्साह कम था।
 


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Content Editor

Prashant Tiwari

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