Kashi Vishwanath मंदिर के मुख्‍य पुजारी को मिलेगी 90 हजार, प्रोफेसर साहब के बराबर पुजारियों की सैलरी

punjabkesari.in Friday, Feb 09, 2024 - 01:21 PM (IST)

Kashi Vishwanath : काशी विश्‍वनाथ मंदिर न्‍यास की 105वीं बैठक में मंदिर में काम करने वाले पुजारियों के हक में बड़ फैसला लिया गया है। दरअसल, अब  मंदिर के मुख्‍य पुजारी को अब हर महीने 90 हजार रुपये सैलरी मिलेगी। इसके अलावा कनिष्‍ठ पुजारी को 80 हजार और सहायक पुजारी को 65 रुपये का वेतन दिया जाएगा। 

आपको बता दें कि मंदिर न्‍यास ने पुजारी, कर्मचारी और सेवादारों को नियुक्त करने का फार्मुला तैयार कर लिया गया है। मंदिर के लिए 40 साल बनी यह नियम देश भर के मंदिरों और ट्रस्‍ट के लिए नजीर है। बीते दिनों काशी विश्‍वनाथ मंदिर न्‍यास की 105वीं बैठक कमिश्‍नरी सभागार में वैदिक मंत्रों के साथ शुरू हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि काशी विश्‍वनाथ मंदिर में पुजारियों के कुल 50 पद होंगे। इसकी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। बनारस के सभी संस्‍कृति स्‍कूलों में छात्रों को फ्री ड्रेस और पुस्‍तकें दी जाएंगी। संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय को अनुदान दिया जाएगा। बैठक में मौजूद मंडलायुक्‍त कौशल राज शर्मा ने संस्‍कृति स्‍कूलों में कक्षा 6 से 12 तक के बच्‍चों को फ्री में पुस्‍तर और ड्रेस देने का प्रस्‍ताव रखा जिसे तुरंत स्‍वीकार कर लिया गया।

घाटों और स्‍टेशनों पर रहने वालों साधुओं को दिया जाएगा प्रसाद
इतना नहीं न्‍यास की 105वीं बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि बनारस के स्‍टेशन, घाटों पर रहने वाले लोगों को हर रोज बाबा विश्‍वनाथ का प्रसाद देने का प्रस्‍ताव रखा गया। न्‍यास की बैठक में डीएम एस राज लिंगम, काशी विश्‍वनाथ मंदिर के ट्रस्‍टी प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्‍याय, प्रोफेसर बृजभूषण ओझा, पंडित दीपक मालवीय समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

983 में काशी विश्‍वनाथ मंदिर का हुआ था अधिग्रहण
गौरतलब है कि इस सेवा नियमावली में समय-समय पर कर्मचारियों के प्रमोशन का प्रस्‍ताव दिया गया है। इसके तहत मंदिर में काम कर रहे पुजारियों और सेवादारों को छुट्टियां भी मिल सकेंगी। गौरतलब है कि काशी विश्‍वनाथ मंदिर का यूपी सरकार की तरफ से 1983 में अधिग्रहण किया गया था। 40 साल में भी सेवा नियमावली न बनने और वेतनमान तय न होने को लेकर सवाल उठते रहे थे। इसे दूर करने का प्रयास तो कई बार किया गया पर हर बार मामला फाइलों तक ही सीमित रहा। अब जाकर न्‍यास की नियमावली तैयार हुई है और इसकी बैठक हुई है।

Content Editor

Imran