CM Yogi ने किया विधानसभा की नवीनीकृत दर्शक दीर्घा का उद्घाटन, कहा- यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है
punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2024 - 02:42 PM (IST)
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा की नवीनीकृत दर्शक दीर्घा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने इसे समस्त विधानसभा सदस्यों और प्रदेश की 25 करोड़ जनता को समर्पित करते हुए कहा कि विधानसभा प्रदेश के समस्त नागरिकों के लिए लोकतंत्र का आधार है। यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। इस पवित्र मंदिर में जब कोई आए तो उसका फस्टर् इंप्रेशन यहां की दर्शक दीर्घा के माध्यम से ही पड़े। यह सिर्फ सत्ता पक्ष ही नहीं, बल्कि विपक्ष के लिए भी प्रसन्नता का क्षण होना चाहिए, क्योंकि आप सभी की संस्तुति पर ही दर्शक दीर्घा के सुंदरीकरण का यह कार्यक्रम संपन्न हुआ है।
'विधायिका एक प्रकार से मार्गदर्शिका है'
दर्शक दीर्घा के उद्घाटन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मुख्यमंत्री समेत मंच पर उपस्थित सभी मंत्रियों एवं नेता विपक्ष को मूल संविधान की एक-एक प्रति भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विधानसभा द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों का भी विमोचन किया। इन पुस्तकों में देश की आजादी से लेकर अब तक मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष की संपूर्ण जानकारी दी गई है। योगी ने कहा कि लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में विधायिका का महत्वपूर्ण स्थान है। विधायिका एक प्रकार से मार्गदर्शिका है। सभी माननीय सदस्य न केवल विधायिका से जुड़ते हैं, बल्कि यह उन्हें विकास की, जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने का भी एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है।
'ये गौरव, देश की सबसे बड़ी विधानसभा को जाता है'
सीएम योगी ने कहा इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष जा का भी अभिनंदन करूंगा, जिन्होंने पौने तीन वर्ष के इस कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की विधानसभा को न केवल लोकतंत्र के सशक्त स्तंभ के रूप में, बल्कि आधुनिकता के साथ जोड़ने का भी काम किया है। ये गौरव, देश की सबसे बड़ी विधानसभा को जाता है जिसने ई विधान लागू किया है। आज आप देख सकते हैं कि आपके सामने ई विधान किस रूप से सफलतापूर्वक लागू हो सकता है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा पेपरलेस होकर इसका उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। यह सिफर् विधानसभा के लिए नहीं, बल्कि हम सबके लिए और 25 करोड़ की आबादी के लिए भी गौरवपूर्ण क्षण था। इसके साथ ही विधानसभा के गलियारे का किस रूप में सुंदरीकरण किया जाना चाहिए, यह भी आपने देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा संचालन के जो नियम 1952 में पहली विधानसभा गठन के तत्काल बाद लागू हुए थे, वे जैसे के तैसे पड़े थे।