CM योगी ने 11.50 लाख मजदूरों के लिए साइन किया MOU, कहा- ‘अब नए UP का करेंगे निर्माण’

punjabkesari.in Friday, May 29, 2020 - 08:46 PM (IST)

लखनऊ: प्रदेश में दूसरे राज्यों से वापस आ रहे कामगारों को रोजगार दिलाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है और इस मकसद में सफल होती नजर आ रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आई.आई.ए.), कॉन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सी.आई.आई.), लघु उद्योग भारती और नेश्नल रियल इस्टेट डेवेलपमेंट काउंसिल (ना.र.डे.को.) जैसी कंपनियों से करार किया गया। इससे करीब 11.50 लाख श्रमिकों व कामगारों को पूरे प्रदेश में रोजगार दिया जाएगा।

इस नए करार के अनुसार ना.र.डे.को. में 2.50 लाख, आई.आई.ए. में 5 लाख, लघु उद्योग भारती में 2 लाख और सी.आई.आई. में 2 लाख श्रमिकों और कामगारों को रोजगार मिलेगा। अपने सरकारी आवास पर मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन पर हस्ताक्षर करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सरकार 'हर हाथ को काम मिले' नीति पर काम कर रही है। इसके तहत ही इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सहित अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ एम.ओ.यू. साइन किया गया। इससे प्रदेश के 11.50 लाख लोगों को रोजगार दिलाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश वापस आ रहे हमारे कामगार व श्रमिक हमारी ताकत हैं। इनके इस्तेमाल से हम नए यू.पी. का निर्माण कर रहे हैं।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने का अभियान जारी रहे। सरकार सभी श्रमिकों की निःशुल्क वापसी कराएगी। इससे पहले गुरुवार को सरकार की तरफ से यह संकेत दिया गए था कि श्रमिकों को वापस लाने की आखिरी तारीख 31 मई हो सकती है।

प्रवासी कामगार हैं प्रदेश की ताकत: योगी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कामगारों/श्रमिकों को प्रदेश की ताकत बताया। उन्होंने कहा कि इस ताकत का इस्तेमाल हम नए उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए कर रहे हैं। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने स्किल मैपिंग से हर हाथ को काम और हर घर में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना को आगे बढ़ाया है। इस योजना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहाकि प्रदेश में पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों की कारीगरी को प्रशिक्षण देकर टूल किट उपलब्ध कराने की कार्रवाई ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’योजना  के माध्यम से कर रहे हैं। इसके तहत बड़ी संख्या में लोगों को स्वावलम्बन से जोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई है। प्रदेश के गांव और घर-घर में छिपे हुए रोजगार की उन सम्भावनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक पैमाने पर काम किया जा रहा है।

मजदूरों/कामगारों के निशुल्क वापसी के आदेश
मुख्यमंत्री योगी ने दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को प्रदेश वापस लाने का अभियान जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 1400 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए,  पड़ोसी राज्यों से बसों के जरिए लगभग 30 लाख मजदूर / श्रमिक वापस आए हैं। प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर श्रमिकों को अपने खर्च पर प्रदेश में ला रही है। दूसरे राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है कि उत्तर प्रदेश के जो मजदूर वापस आना चाहते हैं उनकी सूची उपलब्ध करा दें। इसके लिए कोई भी समय सीमा तय नहीं की गई है।

प्रदेश भर में जारी रहेगी स्किल मैपिंग
राज्य सरकार के अधीन आने वाले श्रमिक कल्याण आयोग ने अब तक प्रदेश में 16 लाख से ज्यादा कामगारों की स्किल मैपिंग किया है, बाकी बचे श्रमिकों की भी स्किल मैपिंग जारी है। श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने की तैयार की गई योजना के तहत लौटे श्रमिकों व मजदूरों की पूरी डिटेल इकट्ठा की जा रही है। एक बार स्किल मैपिंग हो जाने के बाद इन सभी की ट्रेनिंग शुरू कराई जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान सभी मजदूरों को ट्रेनिंग भत्ता भी दिया जाएगा। इसके साथ ही नियमों में संशोधन करते हुए यह बताया गया कि कोई भी राज्य सरकार बिना यू.पी. सरकार के अनुमति के प्रदेश के मजदूरों/कामगारों का उपयोग नहीं कर पाएगी। मजदूरों की मांग के अनुसार यू.पी. सरकार खुद उन्हें मैन पावर उपलब्ध कराएगी।

 


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Edited By

Umakant yadav

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