CAA हिंसा में गिरफ्तार दारापुरी और सदफ जफर रिहा, कहा- अमानवीय है योगी सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2020 - 12:34 PM (IST)

लखनऊ: राजधानी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिसंक प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी और कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जाफर को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया।

सूत्रों ने बताया कि स्थानीय अदालत ने शनिवार को उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी न होने के कारण उनकी जेल से रिहाई नहीं हो सकी थी। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने बताया कि आज सुबह करीब 10 बजे वे जेल से रिहा हो गये। उन्होंने बताया, “मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दोनों को लेने जेल गया था। हमारी पार्टी संशोधित नागरिकता विधेयक के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता का विरोध करती है।” सदफ को 19 दिसंबर को और दारापुरी को 20 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। 
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मुझे खाना तक नहीं दिया गया: दारापुरी 
जेल से रिहा होते ही एसआर दारापुरी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए। दारापुरी ने कहा कि जब हिंसा हुई थी, तब मैं घर में नजरबंद था। इसके बाद मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और खाना नहीं दिया गया। मुझे ठंड लग रही थी। मैंने कंबल की मांग की, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।

एसआर दारापुरी ने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं था। मुझ पर सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ टिप्पणी पोस्ट करने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया जो कि बिल्कुल गलत है। कई निर्दोषों को फंसाया गया है और बेरहमी से पीटा गया है। हिंसा के लिए आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार हैं। हमारी आवाज को खारिज नहीं किया जा सकता है, हम सीएए के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे। 
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योगी सरकार अमानवीय है-सदफ जाफर
सदफ जाफर ने कहा कि19 दिसंबर को जब लखनऊ में हिंसा हुई तो मैं फेसबुक लाइव के जरिए पुलिस की निष्क्रियता उजागर कर रही थी। हम शांतिपूर्वक सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे थे, जो संवैधानिक है। योगी सरकार अमानवीय है। यह हिंदू और मुसलमानों के बीच फूट पैदा करने की कोशिश कर रही है। मुझे पुलिस हिरासत में बेरहमी से पीटा गया। यहां तक कि पुरुष पुलिस वालों ने भी मुझे पीटा था। पुलिसकर्मियों ने मुझे लात मारी।

पुलिस ने मुझे पाकिस्तानी कहा-सदफ जाफर
सदफ जाफर ने कहा कि पुलिस ने मुझे पाकिस्तानी कहा। मेरे परिवार को मेरी गिरफ्तारी के बारे में सूचित नहीं किया गया था। हजरतगंज थाने में जो लोग मेरे बारे में पूछने आ रहे थे उन्हें हिरासत में लिया गया। सैकड़ों बेगुनाहों को फंसाया गया है। यूपी के मुख्यमंत्री ने बदला शब्द का इस्तेमाल किया।क्या इस तरह की भाषा किसी राज्य के सीएम को इस्तेमाल करनी चाहिए। सरकार ने हिंसा को बढ़ावा दिया। मैं सीएए के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगी।

 


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Ajay kumar

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