तलाकशुदा बेटी मृतक पर आश्रित होने की हालत में अनुकंपा नियुक्ति की हकदारः हाईकोर्ट
punjabkesari.in Tuesday, May 14, 2024 - 09:16 PM (IST)
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक तलाकशुदा बेटी को अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में कहा कि कार्यरत कर्मचारियों की मृत्यु की तिथि पर अगर तथ्यों द्वारा यह सिद्ध किया जाता है कि एक विवाहित बेटी उस पर निर्भर है या अगर उसे अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है तो मृतक की विधवा और उसके परिवार के सदस्यों की देखभाल विवाहित बेटी द्वारा की जा सकती है तो ऐसे दावे पर विचार किया जा सकता है।
कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि तलाकशुदा बेटी को अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते समय अधिकारियों के समक्ष तलाक के तथ्य और पिता की मृत्यु से पहले उन पर निर्भरता साबित करनी होगी। उक्त आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकलपीठ ने अख्तरी खातून की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। कोर्ट ने माना कि याची खुद को पारिवारिक पेंशन की - हकदार सिद्ध करने में असफल रही,साथ ही उसने मृतक के परिवार की देखभाल के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। अतः इस आधार पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए उसका दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी नोट किया कि याची ने अपने हलफनामे में खुद को अपने दिवंगत पिता की बेटी कहने के बजाय खुद को उस पति की पत्नी के रूप में दर्शाया, जिसे कथित तौर पर उसने तलाक दे दिया है। इस प्रकार हस्ताक्षरित और शपथयुक्त दस्तावेज होने के कारण इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
दरअसल याची के पिता पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में बतौर सेंट्रीफ्यूगल मैकेनिक बस्ती में कार्यरत थे। शरीयत कानून के अनुसार याची का तलाक जनवरी 2008 को हो गया था, लेकिन उसने सक्षम क्षेत्राधिकार वाली कोर्ट से तलाक की डिक्री प्राप्त नहीं की। पिता की मृत्यु के बाद उसने एकमात्र कानूनी उत्तराधिकारी होने के नाते अनुकंपा नियुक्ति तथा सेवानिवृत्ति बकाए के लिए अभ्यावेदन दिया।