''आपस में लड़ाना चाहते हैं क्या?” सीएम योगी के बयान से किनारा करते हुए बोले केशव प्रसाद मौर्य

punjabkesari.in Sunday, Nov 17, 2024 - 11:58 AM (IST)

UP News: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा 'बंटेंगे तो कटेंगे' लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। अब इसमें एक नया ट्विस्ट आ गया है। अब सवाल उठ रहे है कि क्या इस नारे पर बीजेपी खुद ही बंट गई है? क्या अब बीजेपी इस नारे से पल्ला छुड़वा रही है ? दरअसल, यह सवाल यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की एक टिप्पणी के बाद आया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान पर सवाल करने पर कहा, “आपस में लड़ाना चाहते हैं क्या?''

सीएम के बयान पर मुझसे टिप्पणी क्यों लेना चाहते हो?
मुख्यमंत्री योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे को लेकर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने नाराज स्वर में कहा, ''मुख्यमंत्री कोई उद्बोधन करते हैं तो उस पर मुझसे टिप्पणी क्यों लेना चाहते हो?.. क्या आप आपस में हमें लड़ाना चाहते हो?'' कुछ मीडिया पत्रकारों ने केशव मौर्य से पूछा था कि मुख्यमंत्री के 'बंटेंगे तो कटेंगे' बयान पर आप क्या कहते हैं, इस पर उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री जी कोई उद्बोधन करते हैं तो आप उस पर मुझसे टिप्पणी क्यों लेना चाहते हैं?.. क्या मीडिया के मित्र हमें आपस में लड़ाना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "माननीय मुख्यमंत्री जो भी बोलते हैं, अगर उस पर कोई सवाल है तो मुख्यमंत्री जी से करना चाहिए। हम सब मिलकर प्रदेश के लिए काम करते हैं। मौर्य ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था- 'बंटेंगे तो कटेंगे' मुख्यमंत्री योगी जी का नारा है और मैं नहीं जानता कि ये नारा किसके संदर्भ में था, हमारा एक ही नारा है 'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।"

'आज सबसे बड़ी चुनौती जाति के नाम पर बांटने वाले लोग हैं'
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा की विरोधी पार्टियां चाहती हैं कि भारत की प्रगति रुक जाए। आत्मनिर्भर भारत ना बने, विकसित भारत ना बने। लेकिन, इनकी सोच को रौंदते हुए जनता ने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया, भाजपा को मजबूत बनाया है।" इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहसों के कसेरुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार हमें इसलिए करना पड़ा था क्योंकि हम बंटे थे। काशी और मथुरा में हमें अपमान इसलिए झेलना पड़ा क्योंकि हम बंटे थे। जब बंटे थे तो कटे थे। भारत में आज सबसे बड़ी चुनौती जाति के नाम पर बांटने वाले लोग हैं।”

 


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Content Editor

Pooja Gill

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