कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी में गड़बड़ी की सूचना संबंधित अधिकारी को देनी चाहिए: अदालत

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 07:58 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा है कि यदि कर्मचारियों को बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत हाजिरी दर्ज कराने में इंटरनेट संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है तो वे व्यक्तिगत तौर पर संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं या ड्यूटी करने का साक्ष्य दे सकते हैं। सत्यनारायण उपाध्याय नाम के एक व्यक्ति और नौ अन्य द्वारा दायर रिट याचिका निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा, “याचिकाकर्ताओं की शिकायत अस्पष्ट होने के कारण टिकने योग्य नहीं है क्योंकि इन्होंने जून, 2025 के दौरान प्रतिवादियों से कभी संपर्क कर यह नहीं बताया कि इंटरनेट की समस्या के चलते वे बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगा सके।

बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाई तो वेतन रोका
अदालत ने कहा, “यदि याचिकाकर्ता यह दर्शाने में समर्थ होते हैं कि उन्होंने जून, 2025 में काम किया है तो उनका वेतन, यदि रोका गया है तो उसे जारी किया जाएगा।” याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि तीन जुलाई, 2025 को इन याचिकाकर्ताओं को सूचित किया गया कि यदि कर्मचारियों ने जून, 2025 में एक दिन के लिए भी ऊर्जा जनशक्ति ऐप के जरिए बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत हाजिरी नहीं लगाई है तो जून माह का वेतन रोक दिया जाएगा।

याचिकाकर्ता इंटरनेट समस्या की सूचना दी
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि याचिकाकर्ताओं ने जून माह में उक्त ऐप पर बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाई क्योंकि वे आमतौर पर फील्ड ड्यूटी पर रहते हैं और संभवतः इंटरनेट समस्या की वजह से वे हाजिरी नहीं लगा सके। वहीं, प्रतिवादियों के वकील ने कहा कि यह प्रणाली 23 सितंबर, 2024 को जारी अधिसूचना के जरिए प्रभावी की गई जिसे चुनौती नहीं दी गई है। जहां तक याचिकाकर्ताओं की शिकायत का संबंध है, इनमें से एक भी याचिकाकर्ता इंटरनेट समस्या की सूचना देने आगे नहीं आया।

कोर्ट ने दिया ये आदेश 
इस पर अदालत ने कहा कि यदि याचिकाकर्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन को लेकर वास्तविक समस्या होती तो वे संबंधित अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते थे या फिर इस बात का साक्ष्य दे सकते थे कि उन्होंने संबंधित बिजली घर में ड्यूटी की। अदालत ने छह अगस्त के अपने निर्णय में कहा, “यदि याचिकाकर्ता यह दर्शाने में समर्थ हैं कि उन्होंने जून, 2025 में काम किया है तो उनका वेतन यदि रोका गया है तो उसे जारी किया जाएगा। हालांकि, इस आदेश के आधार पर यह नहीं माना जाएगा कि याचिकाकर्ता को उक्त ऐप के जरिए बायोमेट्रिक हाजिरी से छूट मिल गई है।”

 


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Content Writer

Ramkesh

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