जिला अस्पताल में गरीब मरीजों का शोषण जारी: 24 घंटे से दर्द से तड़प रही पुत्री, डॉक्टर ने लिखी बाहर की दवा और इंजेक्शन; पीड़ित ने उधार रुपए लेकर खरीदी 2750 की दवाएं
punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2025 - 11:51 PM (IST)
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Mahoba News, (अमित श्रोती): महोबा जिला अस्पताल में गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में बनियातला गांव की एक युवती को असहनीय दर्द की शिकायत पर अस्पताल लाया गया। जहां आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर पंकज ने मरीज को भर्ती करते ही बाहर की दवाएं और इंजेक्शन लिख दिए जो 2750 रुपए के आए। मरीज को इमरजेंसी वार्ड में वार्ड नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया गया है। मरीज के पिता प्रीतम, जो एक गरीब व्यक्ति हैं, को दवाएं खरीदने के लिए गांव के एक व्यक्ति से उधार लेना पड़ा। हालांकि दवाएं खरीदने और इलाज शुरू होने के 24 घंटे बाद भी मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उनकी पुत्री तमन्ना अभी भी सीने में असहनीय दर्द से तड़प रही है।
24 घंटे बीत जाने के बाद भी बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं
मामला सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की पोल खोलता है। पिता प्रीतम ने रोते हुए बताया कि सरकार गरीबों के लिए मुफ्त इलाज का दावा करती है, लेकिन वास्तविकता में उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है। मामले की शिकायत सीएमओ से की गई है। पीड़ित पिता प्रीतम ने बताया कि उनकी बेटी के सीने में शुरू हुआ दर्द धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल गया। मजबूरी में उधार लेकर 2750 रुपए की दवाएं खरीदनी पड़ीं। इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज को सिर्फ 10 मिनट का आराम मिलता है, फिर दर्द शुरू हो जाता है। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है।
डॉक्टर ने बाहर से दवाएं खरीदने को मजबूर किया
तमन्ना की बड़ी बहन मोहिनी ने बताया कि मुफ्त इलाज की उम्मीद में आए थे, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पंकज ने बाहर से दवाएं खरीदने को मजबूर किया। जब दोबारा बाहर की दवा लिखने की बात हुई तो परिवार ने मना कर दिया। डॉक्टर ने रेफर भी नहीं किया। यह स्थिति तब है जब अस्पताल में चारों तरफ बाहर की दवाएं न लिखने के पोस्टर लगे हुए हैं। परिवार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सीएमओ से शिकायत की है। यह मामला सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता है, जहां गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है।